Loading...
अभी-अभी:

मालदीव संकट पर चीन का कहनाः भारत से नहीं चाहते कोई टकराव

image

Feb 10, 2018

मालदीव में चल रहे संकट को लेकर चीन ने एक बात साफ कर दी है कि वो इस मसले पर अपने पड़ोसी देश भारत के साथ किसी तरह का टकराव नहीं चाहता है। चीन ने कहा कि मालदीव में चल रहे राजनीतिक हालातों के  विषय में भारत से बातचीत की कोशिश में है, और चीन नहीं चाहता कि मालदीव मुद्दे की वजह से भारत के साथ किसी तरह का मतभेद हो।

लगातार संपर्क में है चीन...

दरअसल, मालदीव में संकट के बाद एक रिपोर्ट आई थी कि भारत वहां अपनी स्पेशल फोर्स तैनात करने के लिए तैयार है। इस रिपोर्ट के बाद चीन ने मालदीव में बाहरी दखल ना दिए जाने की बात कही थी। और साथ ही चीन मालदीव संकट को भारत के साथ एक और टकराव का मुद्दा नहीं बनाना चाहता है।आधिकारिक सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक चीन का कहना है कि मालदीव के मुद्दे पर बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इस मामले में हल के लिए बीजिंग लगातार नई दिल्ली के संपर्क में है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व डोकलाम विवाद और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर चीन के विरोध के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जताई थी चिंता...

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में फोन पर बातचीत की थी, जिसमें मालदीव के राजनीतिक हालात पर उन्होंने चिंता जताई थी।

साल 2018 में ट्रंप और मोदी के बीच की फोन पर यह पहली बातचीत थी, जिसके बारे में व्हाइट हाउस ने जानकारी देते हुए कहा था कि दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर चिंता जताई है। 

क्या है मालदीव मामला...

दरअसल मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने पिछले गुरुवार को विपक्ष के नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसका विरोध करते हुए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आदेश को मानने से इंकार कर दिया था।जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे जिसके चलते देशभर में 15 दिनों के आपात काल की घोषणा की गई थी। जिसके बाद से ही देश की राजनीति पर संकट के बादल छा गए थे।

आपातकाल की घोषणा के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और अली हमीद समेत दो जजों को गिरफ्तारी भी हुई थी।