Nov 15, 2019
महाराष्ट्र में जल्द ही नई सरकार का गठन होने वाला है। सूत्रों की मानें तो शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच बात फाइनल हो गई है, किन्तु अभी भी दो मुद्दे ऐसे हैं जिनपर बात अटकी हुई है। इन दोनों मुद्दों पर अभी तीनों पार्टियों के बीच में कोई सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और एनसीपी ने मीटिंग के दौरान शिवसेना से मुस्लिमों को शिक्षा के क्षेत्र में 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए मना लिया है।
यह योजना पूर्ववर्ती कांग्रेस और एनसीपी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी, किन्तु सरकार बदलने के बाद से ही यह योजना लागू नहीं हो सकी थी। ऐसे में यदि शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन वाली सरकार बनती है तो ये योजना फिर से लागू कर दी जाएगी। इसके साथ ही न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुसार शिवसेना, वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की अपनी मांग से भी पीछे हट सकती है।
इनके अलावा कांग्रेस और एनसीपी ने अपने चुनावी मैनिफेस्टो में कुछ वादे किए थे, जैसे किसानों का कर्ज़ा माफ करना, 10 रुपए में खाना मुहैया करवाना, बेरोजगार युवाओं को मासिक भत्ता देना, नई इंडस्ट्री में स्थानीय युवाओं का नौकरी के लिए कोटा आदि भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, 17-18 नवंबर को शरद पवार और सोनिया गांधी की दिल्ली में बैठक हो सकती है, जिसमें शिवसेना से गठबंधन पर वार्ता हो सकती है।