Aug 18, 2022
संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में न्याय की मांग को लेकर आज यानी 18 अगस्त से 20 अगस्त तक केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगा। बीते बुधवार को किसान पंजाब से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में होने वाले 72 घंटे के प्रदर्शन के लिए निकले थे। सूत्रों की मानें तो SKM उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों में धरना देने की तैयारी में है।
ये हैं किसानों की मांग
इस आंदोलन के माध्यम से, किसान पिछले आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग करेंगे, जो कि केंद्र के अब वापस ले लिए गए कृषि कानूनों के खिलाफ थे। इसके अलावा किसान कृषी कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे की गुहार लगाई है, साथ ही वे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी पर भी जोर देंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस धरने में किसान 14 दिनों में गन्ना भुगतान और गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, फसल खरीद केंद्र की संख्या बढ़ाने, किसानों की सिंचाई के लिए फ्री बिजली और वन विभाग की ओर से किसानों को दिए गए नोटिस रद्द कर सभी किसानों को उन जमीनों पर मालिकाना हक देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की भी फरमाइश की है।
72 घंटों तक चलेगा विरोध
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने बुधवार को बताया कि वो संयुक्त किसान मोर्चा के बुलावे पर पंजाब से लखीमपुर खीरी जा रहे हैं। उन्होंने कहा बताया कि, "हम 72 घंटों तक चलने वाले इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।" BKU (एकता-उग्रहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि महिलाओं सहित लगभग 2,000 किसान विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए। वहीं BKU के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने बताया कि पंजाब से करीब 10,000 किसान इस धरने में हिस्सा लेंगे।
क्या है लखीमपुर खीरी मामला?
कृषी कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी एक बड़ा केंद्र था। वहां केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने धरना दे रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। आशीष मिश्रा की जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। हालांकि कोर्ट ने जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। इस साल 26 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया।