Oct 5, 2025
दार्जिलिंग में भारी बारिश का कहर: पुल ढहने से 13 मौतें, तबाही मचाने वाली बाढ़ और भूस्खलन
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में पिछले 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भयानक रूप धारण कर लिया है। 4-5 अक्टूबर 2025 को जारी बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया। दुडिया आयरन ब्रिज के ढहने से सिलिगुड़ी-मिरिक मार्ग कट गया, जबकि तेजा नदी का जलस्तर बढ़ने से राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित हो गया। मौसम विभाग (IMD) ने ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी कर चेतावनी दी है, जिसमें अगले 24 घंटों में और भारी वर्षा की आशंका जताई गई। इस विपदा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लापता बताए जा रहे हैं। पर्यटक फंस गए हैं और सड़कें मलबे से पट गई हैं।
तबाही का मंजर: भूस्खलन और बाढ़ ने मचाई लूट
मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन की कई घटनाएं दर्ज की गईं, जहां घरों के ऊपर मलबा गिरने से 7 से अधिक लोग दब गए। बालेसन नदी पर बना लोहे का पुल पूरी तरह बह गया, जिसमें 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। कालिम्पोंग में सड़कें टूट गईं, जबकि सिक्किम में संचार लाइनें बाधित हो गईं। स्थानीय निवासी राजू बिस्ता ने सोशल मीडिया पर दर्द बयां किया, "यह तबाही दिल दहला देने वाली है।" NH-10 पर बाढ़ का पानी बहने से वाहन फंस गए, और बिजली-पानी की आपूर्ति चरमरा गई। अनुमानित नुकसान करोड़ों में है।
राहत कार्य: प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें जुटाईं
प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान तेज कर दिया। दार्जिलिंग जिला मजिस्ट्रेट ने हेल्पलाइन नंबर (+91 91478 89078) जारी किया, जहां फंसे पर्यटक संपर्क कर सकते हैं। एनडीआरएफ की दो टीमें मलबा हटाने और शव निकालने में लगी हैं, लेकिन लगातार बारिश से रेस्क्यू में बाधा आ रही है। राज्य सरकार ने विशेष विमान सेवा की घोषणा की, जबकि केंद्र ने राहत फंड जारी करने का आश्वासन दिया। मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता दी जा रही। अब फोकस लापता लोगों की तलाश पर है।