Sep 3, 2024
4 दिसंबर 2023 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'नौसेना दिवस' के मौके पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था जो 26 अगस्त को ढह गया था. इसके बाद से ही महाराष्ट्र में राजनीति भी तेज़ हो गई थी. पूरा मामला बहुत ज्यादा बड़ गया और फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से लेकर उप-मुख्यमंत्री , यहां तक की देश के प्रधानमंत्री ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने पर अफसोस ज़ाहिर कर माफी मांगी. प्रदेश सरकार ने भी इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए इस घटना के लिए माफ़ी मांगी है.
MVA ने जूता मारो आंदोलन चलाया
छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद रविवार को महा विकास अघाड़ी के नेता सड़कों पर उतर आए और महायुति सरकार के खिलाफ जूता मारो आंदोलन किया. अब इस आंदोलन पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
इस संबंध में अजित पवार ने एक कार्यक्रम में आगे कहा, 'कुछ लोगों ने हमारे खिलाफ जूता मारो आंदोलन शुरू कर दिया है. उन्होंने एकनाथ शिंदे, देवेन्द्र फड़णवीस और मेरी तस्वीरों को चप्पलों से मारा. इस तरह जूता मारने का क्या मतलब है? हिम्मत है तो आगे आकर दिखाओ. ऐसी क्या ठगी कर रहे हो!'
अजित पवार बारामती में जन सम्मान यात्रा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान डिप्टी सीएम से पूछा गया, 'क्या कोई सरकार चाहेगी कि ऐसी घटना हो?' जिस पर अजित पवार ने जवाब दिया, 'छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. कोई नहीं चाहेगा कि किसी महापुरुष की मूर्ति गिरे. छत्रपति शिवाजी महाराज सबके भगवान हैं. हमने राज्य की जनता से माफी भी मांगी है. इस घटना का राजनीतिकरण करने की कोई जरूरत नहीं है. इस मामले में गलती किसकी है इसका पता लगाया जाएगा.'