Feb 8, 2018
मालदीव में चल रहे संकट में भारत किसी भी तरह का सैन्य हस्तक्षेप नहीं करने वाला है। प्राप्त जानकारी अनुसार मालदीव में चल रहा संकट उनका अंदरूनी है, और इस मामले में भारत हस्तक्षेप नहीं करेगा।
नौसेना और वायुसेना को किया अलर्ट...
दरअसल मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भारत से मदद की गुहार लगाई है, कि भारत मालदीव में चल रहे संकट में दखल दे। लेकिन भारत सरकार इस मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप के मूड़ में नहीं है।हालांकि इस मामले में अपनी नज़र जरुर बनाए हुए है। मिली जानकारी के मुताबिक नौसेना और वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि संकट के समय में वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकाला जा सके।
जानकारी अनुसार मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद को देश के सुप्रीम कोर्ट ने एक पुराने मामले में बरी कर दिया है। जिसके चलते नशीद जो इन दिनों लंदन में शरण लिए हुए हैं, अब उनका अपने देश लौटने के साथ चुनाव में लड़ने का रास्ता भी खुल गया है। लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति यामीन को ये फैसला नागवार गुजर रहा है और उन्होंने फैसला मानने से इंकार करते हुए देश में इमरजेंसी लगा दी है।
1988 में किया था ऑपरेशन कैक्टस...
भारत ने 1988 में मालदीव की सरकार को तख्ता पलटने से बचाया था।उस वक्त भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स, पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने नौसेना की मदद से एक बड़ा ऑपरेशन किया था और तख्ता पलटने की कोशिश कर रहे लड़ाकों को मार गिराया था।
इस ऑपरेशन को भारतीय सेना की फाइलों में ऑपरेशन कैक्टस नाम दिया गया था इस बार मालदीव सरकार ने खुद देश में इमरजेंसी लगाई है। हालांकि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुला यामीन ने देश में इमरजेंसी पूर्व राष्ट्रपति नशीद के कारण ही लगाई है। सूत्रों के मुताबिक, उस वक्त मालदीव की सरकार को हथियारों के बल पर गिराने की कोशिश की गई थी।