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कोलकाता रेप मर्डर केस : देश रेप की किसी नई घटना का इंतजार नहीं कर सकता- सुप्रीम कोर्ट

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Aug 21, 2024

- सुप्रीम का नेशनल टास्क फोर्स को तीन हफ्ते में सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाने का निर्देश, सीबीआई शुक्रवार तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी

-ममता सरकार को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों, सोशल मीडिया पोस्टरों के खिलाफ 'शक्ति' का इस्तेमाल न करने का निर्देश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए देश भर में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की.  सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है.  साथ ही, सीबीआई को इस मामले की जांच से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट गुरुवार तक सौंपने को कहा गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस चौंकाने वाले मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी, माता-पिता को पीड़िता को देखने की इजाजत देने में देरी और हजारों लोगों द्वारा अस्पताल में की गई तोड़फोड़ को लेकर ममता सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और सोशल मीडिया पोस्ट पर सत्ता का दुरुपयोग न करने को भी कहा है. आगे की सुनवाई 23 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को 'भयानक' करार देते हुए कहा कि यह मुद्दा केवल कोलकाता का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा है. देश रेप की किसी नई घटना का इंतजार नहीं कर सकता. पीठ ने वाइस एडमिरल आरती सरीन की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया, जिसे देश भर में डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा पर एक प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए तीन सप्ताह के भीतर एक अंतरिम रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.

सोशल मीडिया से नाम, फोटो, वीडियो क्लिप हटाने का आदेश

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई से घटना की जांच पर अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा.  साथ ही राज्य सरकार से अस्पताल में हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट भी देने को कहा है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर होने, घटना की तस्वीरें और वीडियो क्लिप वायरल होने पर भी चिंता व्यक्त की गई है. उन्होंने सभी सोशल मीडिया को अपने प्लेटफॉर्म से इन तस्वीरों और वीडियो क्लिप को हटाने का निर्देश दिया है. 

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अस्पताल में सीआईएसएफ तैनात की गई है

प्रदर्शनकारी भीड़ द्वारा अस्पताल में की गई तोड़फोड़ और कोलकाता पुलिस के मौके से भागने को गंभीरता से लेते हुए पीठ ने अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती का आदेश दिया और डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया. पीठ ने कहा कि महिला जूनियर डॉक्टर की हत्या के बाद राज्य सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह कानून व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएगी. लेकिन राज्य सरकार ऐसा करने में पूरी तरह विफल रही है.

माता-पिता को शव देखने की इजाजत देने में घंटों क्यों लग गए?

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ. मामले को आत्महत्या में बदलने की संदीप घोष की कोशिश और माता-पिता को अपनी बेटी के शव के पास जाने से घंटों रोकने की भी भारी आलोचना हुई. उन्होंने सवाल किया कि प्रिंसिपल क्या कर रहे हैं? FIR दर्ज करने में समय क्यों लगा? माता-पिता को अपनी बेटी का शव देखने में घंटों क्यों लगे? 7,000 लोगों की भीड़ किसी अस्पताल में कैसे घुस सकती है? पुलिस की जानकारी के बिना इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे एकत्र हो सकते हैं? पुलिस को अपराध स्थल की सुरक्षा करनी चाहिए. पुलिस उपद्रवियों को यहां कैसे घुसने दे सकती है? इसके अलावा उनके इस्तीफे के तुरंत बाद दूसरे कॉलेज में प्रिंसिपल की नियुक्ति कैसे की जा सकती है, जबकि उनके कामकाज पर सवाल उठ चुके हैं?

महिलाओं को सुरक्षित वातावरण-समान अधिकार देने की जरूरत है

पीठ ने कहा कि मामला कोलकाता तक सीमित नहीं है। यह मामला एक प्रणालीगत मुद्दा है और देश भर में डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा से संबंधित है। हम देशभर के डॉक्टर खासतौर पर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हम महिलाओं को काम करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान नहीं कर सकते हैं और यदि वे सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं, तो यह उनके समानता और समान अवसरों के अधिकार का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर और वरिष्ठ रेजिडेंट 36 घंटे तक ड्यूटी पर रहते हैं और उनके पास बुनियादी स्वच्छता की स्थिति और स्वच्छता सुविधाएं नहीं हैं। अस्पताल में पर्याप्त संख्या में शौचालय नहीं है. परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है. अस्पतालों में सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं.

अस्पताल में तोड़फोड़ मामले में 50 एफआईआर-37 गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि कोलकाता पुलिस द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं.  उन्होंने कहा कि अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद 50 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस समय पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करने वालों के खिलाफ 'राज्य शक्ति' का इस्तेमाल न करें और मामले को बहुत संवेदनशीलता से निपटें. 

रेप से पहले रेड लाइट एरिया में गया आरोपी संजय, मांगे न्यूड फोटो

कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला जूनियर डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी संजय रॉय ने 9 अगस्त की रात शराब पी थी. इसके अलावा वह दो रेड लाइट एरिया में भी गये. उसने सड़क पर एक महिला का पीछा भी किया था. उसने सड़क पर एक महिला से छेड़छाड़ की और एक महिला से न्यूड तस्वीरें भी मांगीं. सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल के सेमिनार हॉल में रेप और हत्या करने से पहले संजय रॉय ने चेक किया था कि ऑपरेशन थिएटर में कोई है या नहीं. पुलिस जांच में पता चला कि संजय रॉय के मोबाइल फोन में कई हिंसक और अश्लील वीडियो क्लिप भी थे.

Report By:
Devashish Upadhyay.