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बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत, भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माफी स्वीकार की

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Aug 13, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना ​​का मामला बंद करते हुए कहा, 'कोर्ट दोनों की ओर से दी गई बिना शर्त माफी को स्वीकार करता है.' इसके अलावा दोनों को भविष्य में अदालत का अपमान न करने की चेतावनी भी दी गई.

कोर्ट ने 14 मई का फैसला सुरक्षित रख लिया था

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को अवमानना ​​मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. 23 अप्रैल को अखबार ने पतंजलि द्वारा दी गई सार्वजनिक माफी की सीमा पर सवाल उठाए. इसके बाद, पतंजलि आयुर्वेद ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर सार्वजनिक माफी प्रकाशित की. 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (13 अगस्त) को योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन के मामले में दोनों के खिलाफ अवमानना ​​का मामला बंद कर दिया है. पतंजलि के उत्पादों को लेकर भ्रामक विज्ञापन मामले में पहले ही माफीनामा दाखिल किया जा चुका है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

पतंजलि पर मुकदमा किसने किया?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. पतंजलि ने एक विज्ञापन में कहा, 'एलोपैथिक दवा, फार्मा और चिकित्सा उद्योग से खुद को और देश को बचाएं.' बाबा रामदेव ने एलोपैथिक दवा को 'बेवकूफी और दिवालिया विज्ञान' भी कहा था. उन्होंने दावा किया कि, 'कोविड-19 से होने वाली मौतों के लिए एलोपैथिक दवा जिम्मेदार है.' इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दावा किया कि 'पतंजलि की वजह से लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं.'

Report By:
Devashish Upadhyay.