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किन्नर कल्याण बोर्ड गठित करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य

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Feb 4, 2018

हाल ही में महाराष्ट्र किन्नर कल्याण बोर्ड गठित करने वाला है। आपको बता दें कि राज्य सरकार समुदाय के हित के लिए कार्य कर रही है। जिसके अंर्तगत पांच करोड़ रूपये का प्रावधान महाराष्ट्र सरकार कर रही है। इस बोर्ड के अंर्तगत जो प्रावधान है उनमें किन्नरों को शिक्षा, रोजगार, आवास और स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ इन मुद्दों को शामिल किया गय है। और आपको यह बता दें कि इसके अलावा उनके संवैधानिक और मानवाधिकारों की रक्षा भी की जाएगी। किन्नर कल्याण बोर्ड का विचार 2014 में पूर्ववर्ती सरकार ने पेश किया था। गौरतलब है कि राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने महाराष्ट्र में किन्नरों की भलाई का बीड़ा उठाया है। उन्होंने किन्नरों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद मंत्री मुंडे ने बताया कि किन्नरों के कल्याणकारी मंडल के कार्यान्वयन के लिए कार्यकारी समिति गठित की जाएगी। समिति का गठन महिला व बाल विकास विभाग करेगा। मंत्री मुंडे ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य होगा जहां पर इस तरह का एक बोर्ड होगा। किन्नरों के कल्याणकारी योजनाओं को सामाजिक न्याय विभाग लागू करेगा, लेकिन कल्याणकारी मंडल का कार्यान्वयन महिला व बाल विकास की तरफ से किया जाएगा या फिर सामाजिक न्याय विभाग करेगा। वर्ष 2013 में कैबिनेट द्वारा स्वीकृत राज्य सरकार की तीसरी महिला नीति में किन्नरों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए इस तरह के एक बोर्ड के गठन के मुद्दे का जिक्र था। राज्य महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय को बोर्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गयी थी जिसने शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास नीतियों को लागू करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा बनाई। इसमें किन्नरों के लिए रोजगार का अवसर मुहैया कराने की बात भी कही गई थी। किन्नर प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, अस्तित्व संगठन के प्रतिनिधि अथर्व यश, तन्मय समर्पण ट्रस्ट के किरण और नाशिक प्रबोधिनि की उमा समेत अन्य लोग मौजूद थे।