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ओलिव ब्रांच अभियान में तुर्की के सात सैनिकों की मौत : सीरिया

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Feb 4, 2018

हाल ही में सीरियन कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स मिलिशिया के खिलाफ 20 जनवरी को ओलिव ब्रांच अभियान शुरू किया गया था। तुर्की सेना के इस ओलिव ब्रांच अभियान में एक दिन में मारे गए सैनिकों की यह सबसे अधिक संख्या है। आपको बता दें कि सीरिया में कुर्द मिलिशिया के खिलाफ तुर्की के अभियान में सात तुर्की सैनिक मारे गए। इनमें से पांच लोग एक टैंक पर हमले में मारे गए। गौरतलब है कि तुर्की वाईपीजी को आतंकवादी संगठन मानता है। और टैंक पर जो ​हमला हुआ वह अब तक का सेना पर सबसे घातक हमला है। हमले के बाद इस अभियान में अभी तक मारे जाने वाले तुर्की सैनिकों की संख्या 14 पर पहुंच गई है। तुर्की की सेना और अंकारा के समर्थन वाले सीरियाई विद्रोही बल अपनी पश्चिमी सीमा से वाईपीजी को खदेड़ना चाहते हैं। **सीरिया में अब तक 333,000 लोगों की दर्दनाक मौत** गौरतलब है कि मार्च 2011 में सरकार के खिलाफ शुरू हुए विद्रोह में अब तक 330,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस लड़ाई में मौत किसी की भी हो नुकसान तो मानवता का ही हो रहा है। जहां एक तरफ लोगों की दिनोंदिन मौत हो रही है, वही दूसरी तरफ पूरा देश इस मौत के खेल को देखते हुए चुप है। सुन्नी-बाहुल्य सीरिया के शिया राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ सन 2011 में जो विद्रोह प्रारंभ हुआ था आज वह एक भयानक रूप ले चूका है। मामला बहुत ही पेंचीदा है और इसमें किसी एक पक्ष को सही या गलत ठहराया नहीं जा सकता। **विद्रोही सेना सत्ता विरोधी** एक तरफ सीरिया के राष्ट्रपति असद और उनकी सेना है जिसको ईरान और रूस का समर्थन प्राप्त है जो सीरिया की मौजूदा सरकार को गिरने से रोकने में लगा हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ विद्रोही सेनाएं हैं जिसमें कई प्रकार के असद विरोधी गुट हैं, जैसे कि फ्री-सीरियन आर्मी, अल-नुसरा आदि कई जिहादी और आईएसआईएस के मुजाहिदीन भी शामिल हैं, इन्हें अमेरिका, पश्चिमी-यूरोपीय देश, सऊदी अरब और तुर्की का समर्थन प्राप्त है। हालांकि सेना ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी। दूसरी तरफ सेना का कहना था कि उनका एक सैनिक झड़प में मारा गया और एक अन्य सीमावर्ती इलाके में मारा गया। एक बयान में बताया कि तुर्की सेना के टैंक पर हुए हमले में उसके भीतर मौजूद सभी पांच सैनिक मारे गए।