Loading...
अभी-अभी:

कहते हैं यहां आज भी आल्हा-ऊदल रोज करते हैं मां का श्रृंगार

image

Apr 30, 2020

मैहरः मैहर स्थित मां शारदा का मंदिर अपने नैसर्गिक रूप से समृद्ध कैमूर तथा विंध्य की पर्वत श्रेणियों की गोद में अठखेलियां करती तमसा के तट पर त्रिकूट पर्वत की पर्वत मालाओं के बीच स्थित है। करीब 1063 सीढ़ियां चढ़कर या रोप-वे के माध्यम से भक्त मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है। यह पीठ नृसिंह भगवान के नाम पर ‘नरसिंह पीठ’ के नाम से भी जाना जाता है। मां शारदा के बाजू में प्रतिष्ठापित नरसिंहदेव की पाषाण मूर्ति आज करीब 1500 वर्ष पूर्व की बताई जाती है। यहां रोजाना हजारों लोग आते हैं तो दोनों नवरात्र लगने वाले मेले में लाखों लोग आते हैं। सागर सहित समूचे बुंदेलखंड के लोगों के लिए मां का यह विशेष आस्था केंद्र है।

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन

मां शारदा मंदिर के कपाट रात 2 से 5 बजे के बीच बंद रहते हैं। ऐसी मान्यता और किवदंती है कि इसी समय रोज आल्हा और ऊदल मां की पूजा के लिए आते हैं। वे ही माता रानी का श्रृंगार करते हैं और पहले दर्शन वे भी ही करते हैं। इसके बाद ही मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाते हैं। पर्वत की तलहटी में आल्हा का तालाब व अखाड़ा अब भी यहां संरक्षित है। मैहर के मां शारदा मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन किया गया है। जिससे मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है।