Loading...

तंबाकू, गुटखा और गाजर घास से तैयार होती है मनमोहक होली

image

Mar 9, 2020

नीमच: होली के अलग अलग रूप हर क्षेत्र में देखने को मिल रहे है। मनासा में तंबाकू, गुटखा और गाजर घास से मनमोहक होली तैयार कर परंपरागत तरीके से पूजन के बाद इसका दहन किया जाता है। साथ ही लोगों को पर्यावरण और प्रकृति की सुरक्षा का संदेश दिया जाता है। लोग नशे से दूर रहें, यह समझाने के लिए यह परंपरा वर्षो से निभाई जा रही है। वहीं, यह अनूठी परंपरा और रिवाज है जिला मुख्यालय से लगभग 32 किमी दूर मनासा के रामनगर क्षेत्र का है। रामनगर क्षेत्र में सालों से अनूठे तरीके से एक होलिका दहन होता है। यहां होली उत्साह व उमंग के साथ मनाई जाती है। इसमें कहीं आधुनिकता और कहीं परंपरा का निर्वहन नजर आता है। मनासा के मध्य बद्री विशाल मंदिर के सामने परंपरा के अनुसार होली का दहन किया जाता है।

लोगों को नशे से दूर रहने का देता है संदेश

रामनगर में यह परंपरा रचनाकार और साहित्यकार सुरेश प्रजापति दादू ने प्रारम्भ की थी। उनके मन में विचार आया कि लोगों को नशे से किस तरह दूर किया जाए। इस पर उन्होंने लगभग 28 साल पूर्व तंबाकू, गुटखा और गाजर घास से होली बनाना शुरू किया। वहीं, वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर लकड़ी के उपयोग को पूरी तरह बंद कर दिया। उन्होंने सृजनशीलता से होलिका और भक्त प्रहलाद की मूर्ति बनाने का काम किया। इस होली के माध्यम से वे पेड़ों की सुरक्षा और प्रकृति से प्रेम का भी संदेश दे रहे हैं।