Nov 1, 2025
शुक्र का तुला राशि में गोचर: मालव्य योग से कई राशियों को होगा लाभ, जानें प्रभाव
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 2 नवंबर 2025 को शुक्र ग्रह कन्या राशि से निकलकर अपनी स्वराशि तुला में गोचर करेंगे। इस राशि परिवर्तन से बनने वाला मालव्य योग सामान्य जनजीवन के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। यह योग सुख, वैभव और सौंदर्य में वृद्धि करने वाला माना जा रहा है। शुक्र का तुला राशि में गोचर फिल्म जगत, मनोरंजन उद्योग और राजकीय क्षेत्रों में सहयोग एवं सफलता की स्थितियाँ निर्मित करेगा।
मालव्य योग का सामाजिक एवं राष्ट्रीय प्रभाव
शुक्र के तुला राशि में प्रवेश से निर्मित मालव्य योग को सुखों में वृद्धिकारक माना गया है। ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम के अनुसार, शुक्र का सूर्य के साथ युति बनाना राजकीय क्षेत्रों में विशेष सहयोग प्रदान करेगा, जो भारत के लिए शुभकारक साबित हो सकता है। हालाँकि, ग्रहों की अन्य स्थितियाँ जैसे मंगल का अस्त होना और शनि-राहु की युति राजनीतिक उठापटक का कारण बन सकती है। नवंबर माह के अंत में बारिश के योग बन रहे हैं, जिससे 18 व 28 नवंबर के आसपास चक्रवाती तूफानों की संभावना है। यह बारिश किसानों के लिए लाभदायक हो सकती है, लेकिन मानवीय व प्राकृतिक प्रकोप जैसे भूकंप की स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता।
इन राशियों पर पड़ेगा शुभ प्रभाव
शुक्र का तुला राशि में गोचर कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। इन राशियों को करियर, आर्थिक स्थिति और व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है:
· मेष राशि: नौकरी में नए प्रस्ताव या प्रमोशन के अवसर मिल सकते हैं। आय के नए स्रोत बनेंगे और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी .
· वृषभ राशि: कार्यक्षेत्र में नाम और सम्मान में वृद्धि होगी। भूमि, भवन या वाहन की खरीदारी के शुभ योग बन रहे हैं .
· सिंह राशि: आत्मविश्वास और आकर्षण में वृद्धि होगी। करियर में तरक्की और व्यापार में विस्तार के अवसर मिलेंगे .
· कन्या राशि: धन की स्थिति में सुधार होगा व शुभ समाचार प्राप्त होंगे। करियर में सफलता और प्रोफेशनल इमेज में निखार आएगा .
अन्य ग्रहीय स्थितियाँ एवं भविष्य के संकेत
ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम ने बताया कि ग्रहों की वर्तमान स्थिति धीरे-धीरे संकटकाल की ओर इशारा कर रही है, जिससे धार्मिक, आर्थिक एवं सामाजिक समरसता भंग होने की आशंका है। ग्रहों के चतुग्रही व पंचग्रही योग के कारण विश्व स्तर पर टकराव की स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं और विश्व युद्ध की विनाशक स्थितियाँ बन सकती हैं। अतः सतर्कता और सद्भाव बनाए रखना आवश्यक है।







