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जन्मदिन विशेषः कांबली का यह रिकॉर्ड जो भूल नहीं पाया कोई

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Jan 18, 2018

धुरंदर बल्लेबाज विनोद कांबली ने अपने अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की धमाकेदार शुरुआत की, लेकिन वह क्रिकेट में इस चमक को आगे बरकरार रखने में सफल नहीं रहे। लेकिन कांबली ने ऐसे रिकॉर्ड बनाए जिनकी कोई बराबरी न कर सका। कांबली का जन्म 18 जनवरी, 1972 को मुम्बई में हुआ था। कोच रमाकांत आचरेकर समेत कई दिग्गज क्रिकेटर कांबली को सचिन तेंदुलकर से अधिक प्रतिभावान मानते थे। क्योंकि कांबली ने हैरिस शील्ड ट्रॉफी में सचिन तेंदुलकर के साथ 664 रन की नाबाद साझेदारी कर रिकॉर्ड बनाया था। इस मुकाबले में कांबली ने 349 रन और सचिन ने 326 रन बनाए थे। यहीं नहीं सचिन के नाम भले ही टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक और रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड हो, लेकिन औसत के मामले में वह अपने दोस्त कांबली से पीछे ही रहे हैं। रणजी के पहले मैच की पहली ही गेंद पर छक्का लगाया। विनोद कांबली फिरकी गेंदबाजों के खिलाफ कामयाब रहे हैं। एक बार उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वार्न के एक ओवर में 22 रन हासिल किए थे। उनके रिकॉर्डों की बात की जाए तो कांबली ने टेस्ट क्रिकेट में 12 मैचों की 14 पारियों में ही एक हजार रन बना डाले। इसके साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज एक हजार रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बने। आजतक उनके इस रिकॉर्ड को कोई पार नहीं कर सका। कांबली ने चार शतक जड़े। जिसमें से दो तो उन्होंने लगातार दोहरे शतक भी लगाए थे। कांबली कई बार टीम इंडिया से अन्तर बाहर हुए। उन्होंने नौ बार राष्ट्रीय टीम में वापसी की। उन्होंने अपना आखिरी अन्तरराष्ट्रीय टेस्ट मैच केवल 24 साल से भी कम उम्र में 1995 में खेला। वहीं अन्तिम वनडे वर्ष 2000 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। कांबली ने वर्ष 2000 में अन्तिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद 2009 में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।