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पूर्व मंत्री ने रची जमीन हड़पने की साजिश, बनाई फर्जी वसीयत, पूर्व विधायक समेत 7 पर केस दर्ज

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Jul 28, 2024

Fake will of former minister's property: चार बार के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुवर दयाल वर्मा की जमीन हड़पने के लिए आरोपियों ने फर्जी वसीयत बनाई थी. जिसमें आरोपी ने जमीन का वारिस होने का दस्तावेज तैयार कर दो बार जमीन हड़पने का प्रयास किया। इस बीच जांच में पूरा तथ्य सामने आने के बाद आगरा के शाहगंज थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. करीब 70 करोड़ की जमीन कब्जाने के मामले में शिकोहाबाद के पूर्व विधायक, एसपी शिकोहाबाद समेत सात लोगों की संलिप्तता पाए जाने पर शाहगंज पुलिस ने आगे की जांच की है।

70 करोड़ की 28 जमीन हड़पने का प्लान बनाया

पूर्व मंत्री रधुवर दयाल वर्मा के निधन से पांच साल पहले 17 जून 2011 को उनकी पत्नी का निधन हो गया था. चूंकि उसकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए आरोपी ने खुद को उत्तराधिकारी बताकर धोखाधड़ी की। पूरे मामले में उनकी बहन के पोते वकील राजेश कुमार वर्मा ने अर्जी दाखिल की है. आरोपियों द्वारा करीब 70 करोड़ कीमत की 28 जमीन हड़पने की योजना बनाई गई थी. राजेश वर्मा ने याचिका में लिखा है कि, 'पूर्व मंत्री रघुवर दयाल वर्मा की दो बहनें धनवंती और भूदेवी उनकी असली वारिस हैं.' जिसमें राजेश ने आरोप लगाया कि अगस्त 2011 में नगला पैमा निवासी शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह और टर्फन ने खुद को रघुवर दयाल का वारिस बताते हुए तालुक में अर्जी दाखिल की।

हस्ताक्षर का नमूना मंगवाया गया

वसीयत 8 जुलाई 1981 को पंजीकृत की गई थी। जिसमें आरोपियों ने झूठे दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर जमीन हड़पने की योजना बनाई। जब पूरे मामले की तालुका स्तर पर जांच की गई तो पता चला कि आरोपियों ने रघुवर दयाल और तेज बहादुर के हस्ताक्षर कराए थे. पूरे मामले को लेकर कोर्ट के आदेश के मुताबिक पाया गया कि आरोपी ने वसीयत में फर्जी हस्ताक्षर किए थे. मामले की सटीक जांच के लिए रघुवर दयाल की विधानसभा से हस्ताक्षर का नमूना लिया गया. पीड़ित ने डीसीपी सूरज कुमार राय को आवेदन दिया और तालुका में लंबित मामले के निपटारे के लिए कागजात लिखे। इसके बाद तालुका स्तर पर केसी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की गई।

कौन है आरोपी ?

मामले में नगला पैमा निवासी शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह, टर्फान सिंह, पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा, निहाल, मोहन वर्मा, विशंभर सिंह, तत्कालीन उप रजिस्ट्रार और कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। फर्जी वसीयत मामले में पूर्व विधायक ओमप्रकाश गवाह थे।

Report By:
Author
ASHI SHARMA