Mar 9, 2024
Jharkhand News:देश में महंगाई बढ़ती जा रही है, जिसके कारण कई लोग ब्याज पर पैसे लेने को मजबूर हैं. फाइनेंस कंपनियों द्वारा लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ऊंची ब्याज दरों पर पैसे देने और कर्ज न चुकाने पर उन्हें परेशान करने के कई मामले सामने आए हैं। ऐसा ही एक मामला झारखंड में हुआ है जहां एक महिला ने कर्ज न चुकाने पर अपने बेटे को फाइनेंस कंपनी में बंधक बना लिया. हालांकि पुलिस ने उसे छुड़ा लिया है.
कर्ज न चुकाने पर बेटे को बना लिया बंधक
झारखंड के गढ़वा में एक माइक्रो-फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने एक महिला के 12 वर्षीय बेटे अनीश कुमार को बंधक बना लिया, क्योंकि उसने समय पर बकाया नहीं चुकाया था। हालांकि इसकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने अनीश को 14 दिन बाद रिहा कर दिया. इसके साथ ही पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक निगम यादव को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए आज जेल भेज दिया गया. इसके अलावा कंपनी के दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है.
महिला ने एक फाइनेंस कंपनी से लिया था लोन
इस मामले की जानकारी के मुताबिक गढ़वा के भवनाथपुर थाना क्षेत्र की आशा देवी नामक महिला ने दो साल पहले एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 40 हजार रुपये का लोन लिया था. इसमें से उसने 22 हजार रुपये जमा कर दिए थे और 18 हजार रुपये बकाया थे। फाइनेंस कंपनी का मैनेजर निगम यादव लगातार महिला पर बकाया रकम चुकाने का दबाव बना रहा था, लेकिन महिला की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह समय पर बकाया रकम नहीं चुका पाई.
फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बचे हुए रुपयों के लिए महिला को ढूंढने उसके घर पहुंचे. हालांकि उस दौरान माहिला घर पर नहीं थी और सिर्फ अनीश और उसकी बड़ी बहन घर पर मौजूद थी. मां को ढूंढने के बहाने कर्मचारी अनीश को कार में बैठाकर अज्ञात स्थान पर ले गए, जहां उसे बंधक बनाकर रखा गया। कर्मचारियों ने अनीश की मां को धमकी दी कि जब तक वह बकाया पैसा वापस नहीं करेंगी तब तक उनका बेटा हिरासत में रहेगा.
पुलिस को शिकायत मिलते ही अनीश को छोड़ दिया गया
शिकायत मिलने के बाद शहर के एसडीपीओ सत्येन्द्र नारायण सिंह ने पुलिस टीम गठित कर 14 दिनों के बाद अनीश को रिहा कराया. अनीश ने बताया कि एक फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी उमाशंकर तिवारी उसके साथ मारपीट करता था. उन्हें यह भी धमकी दी गई कि अगर उनकी मां ने कर्ज नहीं चुकाया तो उनकी किडनी और आंखें निकालकर बेंच दी जाएगी.
