Loading...

उप्र में पढ़ रहे अन्य प्रदेश के 137 विद्यार्थियों को भेजा गया उनके घर

image

May 2, 2020

लखनऊः उत्तर प्रदेश में आकर पढ़ाई करने वाले दूसरे राज्य के छात्र-छात्राओं को भी उनके गृह जनपद भेजे जाने की कवायद शुरू हो गई है। शुक्रवार को प्रदेश के 137 विद्यार्थियों को उनके घर भेजा गया। रवानगी शाम को एंग्लो बंगाली इंटर कालेज परिसर से हुई। प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में बाहर से आकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को उनके घर भेजने का निर्णय ले लिया है। इसी कड़ी में पहले उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 16 हजार विद्यार्थियों को गृह जनपद भेजा गया है। इसके बाद शुक्रवार को मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों को भेजा गया। घर जाने के इच्छुक विद्यार्थियों को कंट्रोल रूम में फोन करके नाम, पता आदि डिटेल नोट कराने के लिए कहा गया था। फिर सभी को एंग्लो बंगाली में एकत्रित किया गया। वहां से उन्हें मध्य प्रदेश भेजा गया।

मध्य प्रदेश के श्रमिकों को भी उनके गृह जनपद भेजा गया

साथ ही यहां फंसे मध्य प्रदेश के श्रमिकों को भी उनके गृह जनपद भेजा गया। यहां 30 जिलो का केंद्र बनाया गया था। इन जिलो के 600 से अधिक मजदूर बृहस्पतिवार को ही यहां आ गए थे। इन्हें मध्य प्रदेश भेजने की प्रक्रिया रात में ही शुरू हो गई थी। जो रह गए थे उन्हें शुक्रवार सुबह भेजा गया। इसी तरह मध्य प्रदेश में फंसे श्रमिक भी यहां लाए गए। सीएवी इंटर कालेज परिसर को प्रदेश के 32 जिलों का केंद्र बनाया गया था। इन जिलों के 1450 श्रमिकों को मध्य प्रदेश परिवहन की बसों से यहां लाया गया। बृहस्पतिवार रात में ही उन्हें अपने-अपने गृह जनपद भेजने का क्रम भी शुरू हो गया था। शेष को शुक्रवार की सुबह भेजा गया। बता दें की सरकार की घोषणा के बाद घर वापसी के लिए दबाव बढ़ गया है। गौर करने वाली बात तो यह है कि यहां कोरोना के जो भी पॉजिटिव मामले समाने आए हैं उनमें ज्यादातर महाराष्ट्र से संबंध है और घर वापसी के लिए सबसे अधिक फोन भी वहीं से आ रहे हैं। कंट्रोल रूम में लगातार फोन आ रहे हैं कि उन्हें अपने गृह जनपद बुलाए जाने की क्या व्यवस्था है। इनमें ज्यादातर फोन महाराष्ट्र, चंडीगढ़, गुजरात में फंसे लोेग आ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है।