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चित्रकूटः केन बेतवा और चंबल नदी में बाढ़ की तबाही के बाद अब यमुना नदी उफान पर

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Sep 19, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव - यूपी में केन बेतवा और चंबल नदी में बाढ़ की तबाही के बाद अब यमुना नदी उफान पर है और यमुना ने चित्रकूट जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। जिसके चलते जिले की मऊ तहसील अंतर्गत आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। ग्रामीणों के आवागमन हेतु नावें भी लगा दी गई हैं। साथ ही बाढ़ से हजारों एकड़ फसलों के तबाह होने के नुकसान पर मुआवजे का भी प्रशासन ने आश्वासन दिया है। बाढ़ से मवई कला, बरवारा, बराह कोटरा, आदि ग्रामीण इलाके अधिक प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में मुख्य मार्ग जलमग्न हो गए हैं और नावों के सहारे ग्रामीण इस पार से उस पार उतर रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक यदि रपटे व पुल ऊंचे कर दिए जाएं तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा और इसके लिए कई बार स्थानीय प्रशासन व सांसद विधायक से कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। विकास की बाट जोहते-जोहते इन गांवों की सड़कों को यमुना नदी ने समुन्दर बना दिया। जिसके बाद विगत 20 दिन से आवागमन पूर्णतया बाधित है और ऐसे में जिला प्रशासन ने नावों को लगाकर लोगों को सुविधा देने के वायदे मात्र पूरे कर दिए हैं।

राजापुर व मऊ क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संपर्क कटा

चित्रकूट जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मऊ तहसील में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने कई गांवों में तबाही मचा रखी है। यमुना के रौद्र रूप धारण करने से राजापुर व मऊ क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है। इन गांव के लोगों का आवागमन नाव से हो रहा है। जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। जायजा लेने के बाद सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से आसपास की छोटी नदियों व नालों में पानी पहुंचा और संपर्क मार्ग कट गया। पिछले 20 दिनों से एक दर्जन से अधिक स्कूलों के बच्चे गांव से बाहर नहीं निकले और स्कूल में शिक्षक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। यमुना नदी का पानी अब तक 30 मीटर बढ़कर खतरे के निशान को पार कर रहा है और अब संपर्क मार्गो और खेतों को नदियों में तब्दील कर रहा है। जिसके चलते प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को अलर्ट रहने को कहा है।

खेतों में जल भराव से फसलों की भारी तबाही

यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से कई गांवों के मजरों के आसपास जल भराव हो गया है। खेतों में लगी फसलें डूब गई हैं। लगातार पानी बढ़ने से ग्रामीण भयभीत हैं। राजापुर क्षेत्र में भी यही हाल है कई किसानों की फसलें पानी में डूब गई हैं। यमुना नदी का पानी पयस्वनी नदी में जाने से इस नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। जिससे नदी किनारे बसे गांव के ग्रामीण भयभीत हैं। मऊ क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे आधा सैकड़ा गांव हैं। यमुना नदी में लगातार पानी बढ़ने से मऊ क्षेत्र के प्रमुख मार्ग मऊ से मवई कला से बरवारा संपर्क मार्ग व मऊ परदवा मार्ग में पानी भरा हुआ है। इससे आधा सैकड़ा गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण नाव के सहारे जाने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि पूरे क्षेत्र में 16 नाव लगाईं गई है व बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। साथ ही बाढ़ में जलमग्न होकर बर्बाद होने वाली फसलों का आंकलन करवाया जायेगा और उसके बाद कृषकों को मुआवज़ा दिलाया जायेगा। नदी का पानी बढ़ने से मवई कला, मंडौर, पूरब पताई, घुरेटवा, कनभय, तांड़ी, कैरा का पुरावा, खुटहाई पुरवा, शिवलहा का पुरवा आदि में गांव में संपर्क कटा हुआ है।