May 25, 2024
मध्य प्रदेश में इस बार मौसम का अनोखा खेल देखा जा रहा है।कहीं भीषण गर्मी का कहर है तो कहीं मौसम में गिरावट भी देखी जा सकती है ।मध्य प्रदेश के कई जिलों में तापमान 46 डिग्री तक पहुंच चुका है तो कुछ जिलों में ओलाव्रष्टी होने से कोहरा छा गया।इसका असर न केवल वातावरण पर है लेकिन लोगो के जैविक कामों में इसका असर कैसे हो रहा है जानिए
मध्य प्रदेश में रेड अलर्ट
दरसल,मध्य प्रदेश में 25 मई से नौ तपा प्रारंभ होने वाले है।जिससे खबरों के मुताबिक प्रदेश के कई इलाकों में हीट बेव का रेड अलर्ट जारी कर दिया है।जिसमें प्रदेश के मुख्य शहर शामिल है जैसे भोपाल, इंदोर, उज्जैन ,नीमच, राजगढ़, शाजापुर, रतलाम, खंडवा में गर्मी का कहर देखा जाएगा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान का पारा पार हो चुका है।गुरुवार को भोपाल का तापमान 44.4 रहा। वहीं, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा गुना रहा। जहां रिकॉर्ड 46.6 डिग्री पारा दर्ज किया गया। आपको बता दें कि प्रदेश के आठ शहरों का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उसके पार रहा। मौसम विभाग भोपाल के सीनियर वेदर साइंटिस्ट डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, 24-25 मई से पूरे प्रदेश में तेज गर्मी रहेगी। भीषण लू का अलर्ट भी जारी किया है।मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि राजस्थान के ऊपर चक्रवाती हवाओं का घेरा है। ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इसके चलते बंगाल और अरब सागर की खाड़ी से आ रही नमी बादल के रूप में सक्रिय है। साथ में दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के हिस्से में निम्न दाब क्षेत्र है। इस वजह से भी गर्मी का असर बढ़ा हुआ है।
वहीं दूजी ओर यह भी देखा जा रहा है कि दमोह सागर जिले में दोपहर 3 बजे तक तेज धूप रहती है और अचानक मौसम परिवर्तन के चलते भारी वर्षा होने लगती है।वहीं हटा ब्लॉक में कई स्थानों पर बारिश के साथ ही ओले भी इस माह में देखी गई हैं। इस प्रकार मौसम परिवर्तन से मण्डी में रखा अनाज भीग गया।
आवा जाही में मुश्किलें
मौसम परिवर्तन के चलते प्रदेश को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है।यदि ऐसा चलता रहा तो न केवल लोगो के जीवन पर असर पड़ेगा लेकिन प्रदेश की आर्थिक परिस्थतियों पर भी असर पड़ेगा। न केवल मानव लेकिन पशु,पक्षी,जानवर, और यहां तक की अजैविक वस्तु भी भीषण गर्मी का शिकार हो रही है।दरसल भीषण गर्मी की वजह से वाहनों पर भी असर भी पड़ रहा है। आपको बता दें कि चलते वाहनों में आग पकड़ने की खबरे दिनों दिन बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से यातायात व्यवसथा पर भी सवाल उठ रहे है और लोगो की आवा-जाही भी कम होती जा रही है।
स्वास्थ पर इसका असर
स्वास्थ पर इसका बड़ा कहर पड़ा है,भीषण गर्मी और अचानक वर्षा के चलते कई बीमारियां उत्पन्न हो रही है।किसानों पर भी इसका असर काफी हो रहा है।
पर्यावरण एक ऐसा विषय है, जिसे अन्य क्षेत्रों के साथ जोड़ कर ही समझा जा सकता है। कृषि से लेकर उद्योग-धंधों तक और जंगल से लेकर आधुनिक शहरों तक। ग्रामीण जीवन से लेकर शहरी जीवन तक और पशुओं से लेकर इंसान के स्वास्थ्य तक इसका सीधा प्रभाव है। जलवायु परिवर्तन को लेकर तेज होती चिंता के साथ ही यह बेहद जरूरी हो गया है कि ऐसे सभी क्षेत्रों में योजनाएं बनाते और उनको अमल में लाते समय पर्यावरण से जुड़े मुद्दों का पूरा ध्यान रखा जाए। सरकार को जलवायु की समस्याओं पर अब गंभीर रुप से ध्यान देना जरूरी हो गया है।अर्थात सरकार को इस समस्या से छुटकारे पाने के लिए आवश्यक योजनाए बनाना होगा।
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