Sep 24, 2016
ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बैंगलुरू तथा देश के विभिन्न आईआईटी द्वारा किया जाता है। इसके माध्यम से इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर तथा अन्य विज्ञान-केंद्रित पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है। इसके अलावा कई सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां भी अपने यहां एंट्री-लेवल पदों पर नियुक्ति के लिए गेट स्कोर को आधार मानती हैं। इस तरह यह परीक्षा काफी महत्वपूर्ण है।
इस बार गेट-2017 का आयोजन आईआईटी रूड़की द्वारा किया जाना है तथा यह 4, 5, 11 और 12 फरवरी 2017 को होगी। इस परीक्षा के फॉर्मेट, आवेदन प्रक्रिया, प्रश्नपत्र के सेक्शनल कंपोजिशन, परीक्षा केंद्र आदि में इस बार कुछ परिवर्तन किए गए हैं। गेट-2017 के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है (अंतिम तिथि 4 अक्टूबर) मगर अब भी कई विद्यार्थी इन परिवर्तनों के बारे में ठीक से नहीं जानते। तो चलिए, जानते हैं इस साल से इस परीक्षा में होने वाले परिवर्तनों के बारे में।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए खुली राह
एक बड़ा परिवर्तन, जो गेट-2017 में आपकी सफलता की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है, यह है कि अब अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए इसके द्वार खोल दिए गए हैं। बांग्लादेश, इथियोपिया, नेपाल, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमारात के विद्यार्थी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इस बार प्रतिस्पर्धा पहले से अधिक कड़ी होगी।
परीक्षा केंद्र का चयन
एक नई बात यह भी है कि इस बार परीक्षार्थी अपने परीक्षा केंद्र की सेकंड चॉइस के रूप में किसी भी शहर का नाम लिखवा सकते हैं, भले ही उनकी फर्स्ट चॉइस वाला शहर किसी भी जोन में हो। पहले उन्हें एक ही जोन के दो शहरों के नाम देने होते थे। इसके अलावा इस बार बुर्दवान (आईआईटी गुवाहाटी जोन), डिब्रूगढ़ (आईआईटी गुवाहाटी जोन) तथा गोरखपुर (आईआईटी कानपुर जोन) नए परीक्षा केंद्र होंगे।
अंगूठे का निशान
सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय के रूप में आपको ऑनलाइन आवेदन के दौरान अपने अंगूठे के निशान की स्कैन्ड कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
कुछ अहम बिंदु
जीओएपीएस: गेट- 2017 की आवेदन प्रक्रिया गेट ऑनलाइन एप्लिकेशन प्रोसेसिंग सिस्टम (जीओएपीएस) की मदद से पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। ऑनलाइन एप्लिकेशन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत व अकादमिक जानकारी देने के अलावा आवेदकों को कुछ सहायक डॉक्यूमेंट्स भी सीधे एप्लिकेशन पोर्टल पर ही अपलोड करने होंगे। पेपर्स की संख्या: हर साल की तरह गेट-2017 में 23 सब्जेक्टिव पेपर होंगे। उम्मीदवार को इनमें से कोई एक सब्जेक्ट चुनना होगा। सभी पेपर पूरी तरह ऑनलाइन फॉर्मेट में होंगे।
कैलक्यूलेटर: गणित के कैलक्यूलेशन में सहायता के लिए गेट-2017 के एग्जामिनेशन सिस्टम में एक वर्चुअल कैलक्यूलेटर भी होगा। उम्मीदवार अपने साथ परंपरागत कैलक्यूलेटर नहीं ले जा सकेंगे। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: चीटिंग को रोकने के लिए परीक्षार्थियों का रैंडम बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होगा। गेट स्कोर वैलिडिटी: गेट-2017 का स्कोर जारी किए जाने के बाद 3 वर्ष तक मान्य होगा। यानी इस स्कोर के आधार पर आप 3 साल तक एमटेक में प्रवेश ले सकेंगे या पीएसयू में जॉब पा सकेंगे।
नया सेक्शन
गेट-2017 के इंजीनियरिंग साइंस पेपर में एक नया सेक्शन होगा, जिससे कुल सेक्शंस की संख्या बढ़कर 8 हो जाएगी। एटमॉस्फेरिक एंड ओशन साइंसेज को सेक्शन-एच के रूप में पेपर में जोड़ा जाएगा।