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देवरीकला में धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव!

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Mar 6, 2018

देवरी नगर के किले मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू ने भगवान श्री कृष्ण के अवतार की कथा का मनोहारी वर्णन करते हुए कहा की भगवान के धरती पर आने का क्या कारण है। जब पृथ्वी लोक पर पाप बढ़ जाते हैं तब भगवान धर्म और धरती की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं। बापू ने भगवान श्री कृष्ण की कथा सुनाते हुए कहा कि वह हमारे जीवन वल्लभ हैं हमारे प्राण हैं।

नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की 
जैसे ही श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग आया तो किला मैदान के पंडाल में दस से हजार से अधिक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ आया पूरे पंडाल में नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों की गूंज रही। गाजे-बाजे और शहनाइयां की धुन पर श्रद्धालु झूम झूम कर नाचने लगे।भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर पूरे पंडाल में महिलाएं बच्चे और बूढ़े सभी श्रद्धालु द्वारा नाच गाकर और पुष्प वर्षा कर धूमधाम के साथ भगवान का जन्म उत्सव मनाया। 

चिन्मयानंद बापू का किया गया सम्मान 
श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक साहू द्वारा संत श्री चिन्मयानंद बापू का सम्मान किया गया एवं हरिद्वार में एक हॉल के निर्माण के लिए सात लाख  राशि दान देने की घोषणा की। चिन्मयानंद जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की भक्ति से मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है लेकिन भक्ति भाव से करना चाहिए उसमें समर्पण का भाव होना चाहिए जो भगवान से मांग करता है उसमें स्वार्थ का भाव होता है इसलिए सत्य प्रेमी बनकर ईश्वर के पास जाओ तो उम्मीद से ज्यादा ईश्वर देता है।

सभी वेदों और उपनिषदों का सार है श्रीमद् भागवत कथा
उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों को सुनाते हुए कहा कि सभी वेदों और उपनिषदों का सार श्रीमद् भागवत कथा है जो 16 वर्षीय उम्र में सुखदेव महाराज ने राजा परीक्षित को सुनाई थी। उन्होंने कहा कि यदि कोई शत्रु शरण में आ जाए तो उसे क्षमा कर देना चाहिए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कारण राजनीति बदनाम हो गई है जब की राजनीति सेवा के लिए होना चाहिए। बापू ने कहा की इंसान धरती पर काल, कर्म और स्वभाव से है इसलिए इंसान को सुखी रहने के लिए अच्छे कर्म करना चाहिए। निष्काम भाव से ईश्वर की भक्ति करने से शांति सुख और सारे दुख दूर हो जाते हैं। 

इस दौरान यजमान भगवान दास साहू पत्नी खिलौना वाई जगदीश साहू अशोक साहू बालचंद्र साहू गणेश साहू राजेंद्र साहू राजू साहू शिवराम चौरसिया, उमेश पालीया, महेंद्र पलिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत कथा ग्रंथ की आरती की।