Nov 17, 2016
जशपुर। गरीबी से जूझती एक युवती अपनी खेल प्रतिभा को निखारते हुए, एक सफल साइकिल रेसर बनने का सपना संजोया है और इस सपने को उड़ान देने के लिए अपनी मेहनत और जुनून के दम पर पुणे, केरल, यूपी और इंदौर जैसे बड़े शहरों में पांच बार नेशनल साइकिल रेस किया है, वह भी किराए की साइकिल लेकर, इस लड़की की कहानी जब मिडिया ने प्रमुखता से दिखया तो खेल मंत्री भैया रजवाड़े ने मिडिया को धन्यबाद देते हुए कहा की लड़की के सपनों की उडान के लिए हर मदद किया जाएगा, बहुत जल्द लड़की को साईकिल दी जाएगी, लेकिन सात माह बीतने के बाद भी लड़की को साईकिल नहीं मिला , साइकिल के लिए गुहार लगाने पहुंची खिलाड़ी एलिजाबेथ जशपुर कलेक्टर मिली लेकिन यहाँ भी केवल भरोसा मिला।
गरीबी की वजह से साइकिल खरीदने में असमर्थ युवती अब शासन से रेसर साइकिल दिलाने की गुहार लगा रही है। यह जुनून पालने की कहानी है, बगीचा विकासखंड के महादेवडांड़ निवासी 25 वर्षीय युवती एलिजाबेथ की है । मुस्कुट्री स्कूल से बारहवीं पास करने के बाद काम करते हुए अपना खर्च स्वयं वहन कर अंबिकापुर महिला महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। इस दौरान वर्ष 2015 में मैनपाट कार्निवाल में पहली बार सामान्य साइकिल से रेस में उतरी और प्रथम विजेता रही। उसी तरह सामान्य साइकिल से ही वह भिलाई में भी एक प्रतियोगिता में उतरी और विजेता रही। वर्ष 2015 और 2016 में लगातार दो बार पुणे में साइकिल रेस में 1000 प्रतिदिन के किराए की रेसर साइकिल लेकर उतरी। केरला, इंदौर और यूपी के आजमगढ़ में भी किराए की साइकिल लेकर उतरी और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। एलिजाबेथ ने कहा कि उसकी शादी के लिए भी तीन से चार रिश्ते आ चुके हैं, लेकिन उसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए फिलहाल शादी करने से भी इनकार कर दिया है। इस खबर को सात माह पहले मिडिया ने प्रमुखता से दिखया तो खेल मंत्री ने आश्वाशन दिया की लड़की को साईकिल दिया जाएगा लेकिन मंत्री का आश्वासन सिफर रहा ,
जिला खेल अधिकारी पी के प्रधान से जब हमने बात किया तो उन्होंने कहा की रेसर साईकिल एक लाख रूपये का आता है , हमारे पास एसा कोई योजना नहीं है जिसे हम उस लड़की को साईकिल दे पाए , मंत्री जी ने साईकिल देने के लिए आदेश दिया था लेकिन हमारे पास न तो कोई बजट है और ना ही कोई योजना है , खेल अधिकारी ने कम दाम का एक साईकिल मंगाया था और देने के लिए लड़की को बुलाया था तो लड़की ने साईकिल लेने से माना कर दिया , लड़की का कहना है की हमें रेसर साईकिल की जरुरत है - पी. के. प्रधान (खेल अधिकारी जशपुर)
एलिजाबेथ ने जशपुर कलेक्टर जनदर्शन में भी आवेदन के माध्यम से साईकिल की मांग की है , जशपुर कलेक्टर ने भी केवल आश्वासन दे कर एलिजाबेथ को वापस खाली हाथ भेज दिया , वही इस मामले में जब हम जशपुर कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला से मिलना चाहे तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया , अब सवाल यह है की क्या जशपुर कलेक्टर एलिजाबेथ को साईकिल दिला पायेगी ?