Sep 28, 2018
महिलाएं गर्भाशय के कैंसर और पुरुष अन्य कैंसर से ग्रस्त होने के बावजूद अब संतान की प्राप्ति कर सकते हैं नोवा इवी फर्टिलिटी से जुड़ी मुंबई की फर्टिलिटी कंसलटेंट डॉक्टर रितु हिंदुजा ने बताया कि गर्भाशय एवं टेस्टिक्यूलर (वृषण) कैंसर से प्रजनन क्षमता कम हो जाती है इसके अलावा दूसरी तरह के कैंसर भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं कैंसर के उपचार के लिए ली जाने वाली दवा का अंडाशयों एवं टेस्टिक्यूलर (वृषण) पर हानिकारक प्रभाव हो सकता है जिसके परिणाम स्वरूप पुरुषों और महिलाओं की प्रजनन क्षमता घट जाती है केमोथेरिपी और रेडियोथेरेपी के चलते प्रायः ये अंडाणु समाप्त हो जाते हैं।
पुरुषों में कैंसर उपचार के कारण शुक्राणु का उत्सर्जन पूर्णतः बंद हो सकता है, शुक्राणु की संख्या प्रभावित हो सकती है तथा शुक्राणु की गतिशीलता और डीएनए शुद्धता भी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन, कैंसर के बाद संतान प्राप्ति की उम्मीद जगाता है। इसलिए कैंसर के मरीजों को उपचार कराने के पूर्व अपने अंडाणुओं और शुक्राणुओं या भ्रूणों को (विवाहित जोड़ों के लिए) फ्रीज करा लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कैंसर के उपचार से ठीक होने के बाद दंपति फ्रीज किए गए युग्मकों का उपयोग कर आईवीएफ/आईसीएसआई के जरिए गर्भधारण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी कारणवश देर से गर्भधारण की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।