Loading...
अभी-अभी:

छत्तीसगढ़ का पहला एसबीआई डिजिटल गांव बनेगा खैरपुर ​

image

Dec 4, 2016

रायगढ़। नोटबंदी के बाद से खैरपुर गांव को एसबीआई डिजिटल गांव बनाने की कवायद चल रही है। बहुत जल्द ग्राम खैरपुर छत्तीसगढ़ का पहला कैशलेस गांव बनेगा। इस गांव का नामकरण एसबीआई डिजिटल विलेज के नाम से तीन माह पहले ही किया जा चुका है। एसबीआई अपनी कियोस्क शाखा के जरिए अब लगभग शतप्रतिशत लोगों को बैंक और इंटरनेट बैंकिग से जोड़ चुकी है।

खैरपुर गांव में 1650 मकान हैं, जहां की आबादी 5206 है। गांव में लगभग 80 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग कम आय वर्ग के हैं, ऐसे में उनके आवश्यकता की चीजें गांव की बजाए शहर से ज्यादा प्राप्त होती है। इस गांव में होटल व किराना व्यवसायी समेत करीब 20 व्यापारी हैं, जिनकी गांव में छोटी-बड़ी दुकान हैं। उनके लिए पीओएस मशीन तैयार है, ताकि वहां से कैशलेस ट्रांजेक्शन हो सके।

इनके आवेदन पूर्व में लिए जा चुके हैं और उनके नाम से मशीन भी जारी हो चुकी हैं। एसबीआई के अधिकारियों ने बताया कि गांव को डिजिटल बनाने के लिए रोजाना उनकी टीम पहुंच रही है। मिली जानकारी के अनुसार खैरपुर गांव जिंदल उद्योग से सटा हुआ है। यह के ज्यादातर लोग जिंदल प्लांट में ही नौकरी करते हैं। ऐसे में उनके वेतन का भुगतान बैंक खाते में आता है। वर्तमान में गांव के लगभग 200 लोग नौकरी पेशा, 336 किसान, 112 अन्य कार्यों पर आश्रित हैं। ऐसे में गांव से हर माह लगभग 1 से सवा लाख का ट्रांजेक्शन होता है। लेकिन फिर भी यहां से 80 फीसद ट्रांजेक्शन कैशलेस होता है।

गांव में रहने वाले श्याम बंधु बैरागी बताते हैं कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि उनके गांव को इस तरह डिजिटल किया जा रहा है। चूंकि पहले जहां इक्के-दुक्के ग्रामीणों के पास मोबाइल था। लेकिन जब से एसबीआई ने गांव को गोद लिया और ग्रामीणों को बैंक खाता खोलने प्रेरित किया, तब से ग्रामीणों का रहन सहन बदल गया है। आज लगभग 90 प्रतिशत ग्रामीणों ने मोबाइल हैंडसेट खरीद लिया है। दरअसल इस गांव में डिजिटलाइजेश का काम पूरा होने के बाद सभी को मोबाइल इंटरनेट बैंकिंग करना है, लिहाजा सभी ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। खैरपुर में ज्यादातर लोग खेती करते हैं। ऐसे में एसबीआई ने जब से इस गांव को कैशलेस करने की कवायद शुरू की है तो किसानों के बीच खुशी है।

छुट्टे की नहीं  होगी  कोई समस्या

किसान शिवशंकर प्रधान और प्रेमशंकर गुप्ता बताते हैं कि वह न्यूज चैनलों में देखते हैं कि कई गांव में कैशलेस सुविधा शुरू हो गई है। ऐसे में अब जब उनके गांव में इस सुविधा को शुरू करने की तैयारी चल रही है तो उन्हें इसका मतलब समझ आया और तरीका भी। ग्रामीण दुकानदार रामरतन पटेल ने बताया कि उनके दुकान में भी पीओएस मशीन लग जाएगी। उन्होंने कहा कि मशीन लगाने की सिर्फ औपचारिकता बाकी है, लेकिन वह इसको लेकर उत्साहित हैं कि उन्हें नकदी और छुट्टे की किच-किच से मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि मशीन इंस्टाल करने से पहले वे ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना चाहते हैं ताकि उन्हें कहीं कोई दिक्कत न आए और इसके लिए एसबीआईके लोग उनकी मदद भी कर रहे हैं।

इसी तरह होटल व्यवसायी राजकुमार ने बताया कि पीओएस मशीन लगने के बाद वह बहुत सारी असुविधाओं से बच जाएंगे। दरअसल उनके पास ऐसे ग्राहक आते हैं जिनके पास चिल्हर की समस्या होती है। ऐसे में यदि वह पीओएस मशीन से ट्रांजेक्शन शुरू करेंगे तो उनकी समस्या दूर हो जाएगी। वहीं उनके यहां ग्राहकों की संख्या भी ज्यादा बढ़ेगी।

जल्द शुरू होगी ये सुविधा

एसबीआई के मुख्य प्रबंधक एसके लाहा बताते हैं कि गांव को डिजिटलाइजेश के लिए वह लगे हैं। बहुत जल्द वहां कैशलेस सुविधा शुरू की जाएगी। जिले के लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की जमीन में जिंदल जैसी नामी कंपनी स्थापित है। इसके चलते गांव में एयरपोर्ट और अस्पताल भी खुला है। उनका मानना है कि संभवतः यही सबसे बड़ी वजह है कि केंद्र सरकार ने सबसे पहले इस गांव को कैशलेस करने की पहल की है।

युवाओं में जबर्दस्त उत्साह

इस पहल से खैरपुर के युवाओं में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। ग्रामीण युवा श्याम सुंदर राम बताते हैं कि केंद्र शासन की इस योजना को वे खुले मन से स्वीकार कर रहे हैं। श्यामसुंदर राम जिंदल में आईटी विभाग में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। लिहाजा उन्होंने नेट बैंकिंग सुविधा को बेहतर माना है। इसी तरह गांव के दूसरे युवा विमल पटेल जो किराना व्यवसायी हैं उन्होंने भी कहा कि कैशलेस प्रणाली से उनका धंधा जोर पकड़ेगा। छात्रवर्ग भी इस प्रणाली का स्वागत कर रहे हैं।

पूरे जिले को कैशलेस बनाने की कोशिश : कलेक्टर

इस गांव में कैशलेस की सफलता और गांव के लोगों के सहयोग से यहां की कलेक्टर अलरमेलमंगई डी काफी उत्साहित हैं। उन्होंने नईदुनिया को बताया कि एक गांव ही नहीं हम पूरे जिले को ही कैशलेस बनाने की कोशिश कर रहे हैं। खैरपुर के लोगों ने जितना उत्साह दिखाया है, अधिकतर गांवों में कैशलेस को लेकर उतना ही उत्साह दिखा है। हम जल्द ही खैरपुर के कैशलेस होने की घोषणा करेंगे। इसके बाद दूसरे गांव के लोगों को भी इनसे प्रेरणा मिलेगी।

फैक्ट फाइल

कुल परिवार- 1650

सारक्षरता- 80 प्रतिशत

खोले गए बैंक खाते- 1560

आबादी- 5206

पुरुष-2790

महिला-2417

एटीएम होल्डर-1295

मोबाइल बैंकिंग- 50

केंद्र सरकार की पहल पर जिले के खैरपुर गांव को डिजिटल किया जा रहा है। इस काम को पिछले सितंबर माह से शुरू किया गया है जिसके माध्यम से सभी ग्रामीणों का बैंक खाता खोला जा रहा है। हमारा प्रयास है कि इस गांव में पूरा काम कैशलेस तरीके से किया जाए। - एसके लाहा, मुख्य प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक

हमारे गांव को बैंक की तरफ से डिजिटल किया जा रहा है। गांव में डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों का बैंक खाता खोला गया है। और बैंक वाले बताते हैं कि इस गांव को कैशलेस किया जाएगा। इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। - श्यामबंधु बैरागी, सरपंच, खैरपुर

प्रधानमंत्री ने जिस दिन नोट बंद करने का निर्णय लिया तब हम समझे कि हमारे गांव को डिजिटलाइजेशन करने के लिए शासन ने पहले से ही फैसला ले लिया था। हमारे गांव में इस तरह काम शुरू होने के बाद गांव की तस्वीर बदलेगी। - शिवकुमार, ग्रामीण, खैरपुर