Loading...
अभी-अभी:

राष्ट्रगान का सम्मान करना हर भारतीय का दायित्व है - सुप्रीम कोर्ट

image

Nov 30, 2016

सुप्रीमकोर्ट ने राष्ट्रगान को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाना अनिवार्य है, इसके अलावा सिनेमाघर के परदे पर राष्ट्रगान बजते समय फहराता हुआ तिरंगा दिखाना जरूरी है। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राष्ट्रगान का सम्मान करना हर भारतीय का दायित्व है, हर किसी को इसके सम्मान में खड़ा होना ही चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि राष्ट्रगान का नाटकीयकरण नहीं किया जा सकता। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि समय आ गया है जब लोग महसूस करे कि यह मेरा अपना देश है और राष्ट्रगान के सम्मान में कोई भी खड़े होने से इंकार नहीं कर सकता.

10 दिन में लागू हो आदेश 
मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम नारायण चोकसे के द्वारा दाखिल इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि देश के सभी सिनेमाघरों मे फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजाना अनिवार्य करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को निर्देश जारी करें, इसके साथ ही जब सिनेमा हाल में राष्ट्रीय गान बजाय जाये तो स्क्रीन पर तिरंगा झंडा दिखाना होगा। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि इस अंतरिम आदेश को केंद्र सरकार 10 दिन में लागू कराने का प्रबंध करें।

कोर्ट ने कहा कि हर नागरिक का ये दायित्व है कि जब तक वो इस देश में है उसे राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना ही होगा. केंद्र सरकार इस बात के प्रचार के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मदद ले। जस्टिस दीपक मिश्रा ने टिपण्णी करते हुए कहा कि राष्ट्र गान हमारी राष्ट्रीय एकता, राष्ट्र की पहचान और साथ ही संविधान के प्रति का वफादारी से भी जुडा है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि राष्ट्र गान को संविधान की व्याख्या के अनुसार केवल 52 सेकंड में ही गाया जाये, इससे कम या ज्यादा समय में नहीं। कोई भी राष्ट्रीय गान का प्रयोग अपने लाभ के लिए न करें, राष्ट्रीय गान के नाटकीय रूपांतरण पर पूरी तरह से सरकार रोक लगाए।