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CYBER CRIME: साइबर ठगी से रहें सावधान, नए नए तरीकों से लोगों को बनाया जा रहा शिकार

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Sep 23, 2024

इंटरनेट हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इंटरनेट देश के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.एक और जहां इंटरनेट के फायदे हैं, वहीं इसके कई नुकसान भी हैं. सबसे महत्वपूर्ण खतरों में से एक CYBER CRIME है. हमारे देश में आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं. जिनको इस प्रकार के अपराधों की जानकारी नहीं होती है. और वे इस तरह के ONLINE FRAUD में फंस जाते हैं. बीते कुछ सालों में देश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढे हैं.

Local Circle के सर्वे में शामिल 43 प्रतिशत लोगों ने माना है कि क्रेडिट कार्ड पर फ्रॉड ट्रांजैक्शन किए गए हैं। वहीं, 36 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उनके साथ UPI ट्रांजैक्शन जैसे फ्रॉड हो चुके हैं।

क्या है साइबर क्राइम

साइबर क्राइमकंप्यूटर, या डिजिटल उपकरणों से किया जाने वाला एक फ्रॉड है. इनमें हैकिंग, फ़िशिंग, रैनसमवेयर और मैलवेयर हमले, जैसे अपराध शामिल हैं।

UPI के द्वारा बढ़ रहा Cyber Crime

ऑनलाइन की बात करें तो यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) एक क्रांति की तरह हमारे बीच आया है. यूपीआई ने भारत में लेन-देन के तरीके को आसान कर दिया है. यूपीआई पेमेंट का क्रेज लोगों में लगातार बढ़ता जा रहा है. जैसे-जैसे यूपीआई तेजी से बढ़ रहा है, उससे धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं.

याद रहे कभी भी अपना यूपीआई और पिन किसी भी ग्राहक सेवा कॉल या संदेशों से शेयर नहीं करना चाहिए. अक्सर धोखाधड़ी करने वाले सरकारी बैंक और अन्य संस्था का दावा कर अकाउंट की जानकारी मांगते है अपराधी कभी भी डायरेक्ट यूपीआई पिन नही मांगते हैं, बल्कि ये खाते में गड़बड़ी संबंधित या लालच देकर आपसे जानकारी लेने की कोशिश करते हैं। अगर कोई आपका पिन मांग रहा है, तो ऐसा होना तय है कि कॉलर धोखेबाज है.

स्कैम कर लोगों को कैसे फंसाते हैं ठग ?

साइबर ठग लोगों का विश्वास जीतने के लिए कस्टमर कॉलर बनकर बात करते हैं. इसके अलावा रेफरेन्स नंबर, कंपनी की कॉलर ID या ईमेल में हेर-फेर करते हैं, जिससे आसानी से हर कोई इसकी पहचान नहीं कर पाता है। पहचान वेरिफाई करने के नाम पर साइबर ठग यूजर को APK (एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज) लिंक भेजते है या उसे झांसे में लेकर फाइनेंशियल अथवा पर्सनल जानकारी मांगते हैं।

मोबाइल व कंप्यूटर कंट्रोल- कभी न दें

ग्राहक सेवा प्रतिनिधियों को कभी भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर का कंट्रोल नहीं देना चाहिए. जो आपके बैंक व ऐप खातें में कुछ महत्तवपूर्ण सेटिंग्स को अपडेट करने या आपके केवाईसी को अपडेट करने का दावा कर रहे हो ऐसे ग्राहक सेवा सरकारी कर्मचारी के रूप में फ्रॉड हो सकते हैं.

CBIC ने दी सलाह

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने अपने सोशल मीडिया विज्ञापन के जरिए लोगों को आगाह करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति से अपना OTP, बैंक अकाउंट या कोई भी जरूरी पासवर्ड शेयर ना करें.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Report By:
Author
Swaraj