Aug 9, 2017
भोपाल : किराये के मकान को भाड़े पर लेकर रहना आप ने सुना होगा। लेकिन, अब प्रदेश के राजधानी में शातिर ठग गिरोह किराए के अकाउंट्स भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। गिरोह के सदस्य ठगी की राशि को इन किराए की जगहों पर सुरक्षित रखते हैं। राज्य साइबर पुलिस की जांच में बार-बार ठग गिरोह के पास किराए के बैंक अकाउंट होने का खुलासा होता रहा है। ठग गिरोह अक्सर आम जनता को मोबाइल फोन, एसएमएस, ई-मेल, विज्ञापन, वेबसाइट और इंटरनेट के जरिए लाटरी या फिर दूसरे तरीके का प्रलोभन देकर फंसाने की कोशिश करते हैं। जो व्यक्ति इन आरोपियों के झांसे में आ जाते हैं, उन्हें गिरोह के सदस्य प्रदेशभर में मिलने वाले भाड़े के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराते हैं।
10 से 15 फीसदी मिलता है कमीशन
किराए पर बैंक अकाउंट देने वाले खाता धारक को बकायदा कमीशन अमाउंट मिलता है। खाता धारक को बैंक अकाउंट के किराए के बतौर ठगी की राशि का 10 से 15 प्रतिशत तक मिलता है। पुलिस ऐसे मामलों में ठगों के साथ भाड़े के अकाउंट देने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करती है।
1 हजार से ज्यादा किराए के खातों के बारे में मिली जानकारी
हाल ही में कौन बनेगा करोड़ पति के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने दो दर्जन किराए के खातों का खुलासा किया था. इसी तरह साइन डॉट कॉम पर बेरोजगारों को ठगने के मामले और कॉल सेंटर के जरिए ठगी करने के मामलों में भी कई भाड़े के बैंक अकाउंट का पता चला था. जांच में अभी तक ठग गिरोह से पूछताछ में करीब एक हजार किराए के बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है. सायबर पुलिस ने इस तरह के मामलों पर लगाम कसने के लिए आरबीआई को बायोमेट्रिक प्रक्रिया के तहत अकाउंट खोलने का सुझाव दिया है.