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आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने साधा पीएम मोदी पर निशाना, कह डाली यह बात.... 

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May 30, 2023

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने साधा पीएम मोदी पर निशाना, कह डाली यह बात.... 


रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर भारत सरकार की आर्थिक नीतियों पर संदेह जताया है और कुछ सवाल खड़े किए हैं। इस बार उनका टारगेट केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) है और उन्होंने पूछा है कि क्या सरकार की यह स्कीम फेल साबित हुई है.

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ कई अन्य लेखकों ने एक सोशल मीडिया नोट में सवाल किया है कि मोदी सरकार की पीएलआई योजना की सफलता का क्या सबूत है जो मूल रूप से देश में विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने सवाल किया है कि क्या भारत वास्तव में मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज बन गया है, जिसके बारे में दावा किया जाता है.

उन्होंने लिखा कि देश में मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़ों को देखने के बाद ऐसी चिंताएं सामने आ रही हैं, जिनका जवाब दिया जाना जरूरी है। क्‍योंकि इस योजना का फोकस मुख्‍य रूप से देश में मोबाइल फोन के उत्‍पादन को ध्‍यान में रखकर पेश किया गया था।

अपने शोध नोट में, रघुराम राजन ने लिखा है कि भारत अभी तक मोबाइल फोन निर्माण में एक विशाल नहीं बन पाया है, जैसा कि उम्मीद की गई थी और पीएलआई योजनाओं के लॉन्च के समय बड़े-बड़े वादे किए गए थे।

उनके साथ दो और लेखकों राहुल चौहान और रोहित लांबा ने उल्लेख किया है कि यह योजना विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने में विफल रही है।

केंद्र की मोदी सरकार ने 1.97 लाख करोड़ की लागत से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) की घोषणा की. इसने देश के विभिन्न क्षेत्रों में चैंपियन विनिर्माण और सामान्य रोजगार के अवसर पैदा करने का दावा किया।

हालांकि, राजन ने कहा है कि केंद्र सरकार को योजना के आंकड़ों को ध्यान से देखना चाहिए और विस्तार से आकलन करना चाहिए कि पीएलआई योजना के तहत अब तक कितने रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। अभी तक पीएलआई योजना से देश के विभिन्न क्षेत्रों को लाभ क्यों नहीं हुआ और क्यों नहीं हो रहा- सरकार को इस पर विचार कर जवाब देना चाहिए।