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जल्दी से निपटा लें अपने शुभ काम, शुरू हो रहा है चातुर्मास का समय, जानिए क्या है महत्व 

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Jun 21, 2023

जल्दी से निपटा लें अपने शुभ काम, शुरू हो रहा है चातुर्मास का समय, जानिए क्या है महत्व 

इस साल चातुर्मास 29 जून 2023 से शुरू हो रहा है। इस दिन देवपोढ़ी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु इसी दिन से विश्राम के लिए क्षीर सागर जाते हैं और वहां चार महीने तक रहते हैं। भगवान श्री हरि के शयन काल के इन चार महीनों को चतुर्मास के नाम से जाना जाता है। इन चार महीनों में श्रावण, भाद्रवो, असो और कार्तिक मास शामिल हैं। चातुर्मास शुरू होते ही अगले चार महीनों के लिए सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। इस बार चतुर्मास 4 महीने की जगह 5 महीने का होगा। चतुर्मास के दौरान लीप मास होता है इसलिए इस बार 5 महीने का चातुर्मास होगा। चातुर्मास 30 जून 2023 से शुरू होगा और 23 नवंबर को समाप्त होगा।

भगवान का ध्यान करना शुभ माना जाता है।

चतुर्मास मास में स्नान-दान का विशेष महत्व है

चतुर्मास में तीर्थ यात्रा फलदायी मानी जाती है।

चातुर्मास में नियमित रूप से तुलसी की पूजा करें

चातुर्मास के दौरान पूजा करके अशुभ प्रभावों को दूर किया जा सकता है।

चातुर्मास में जमीन पर सोना चाहिए

चातुर्मास में विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, नए घर का निर्माण और व्यवसाय का प्रारंभ नहीं करना चाहिए।

चातुर्मास में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए

चातुर्मास में सात्विक भोजन करें और लहसुन-प्याज, मांस-मदिरा का सेवन न करें।

श्रावण मास में शाक, भाद्रपद मास में दही और छाछ का त्याग, आसो मास में दूध और कार्तिक मास में दालों का त्याग। इसके अलावा पुराणों में कहा गया है कि इस समय में गुड़ का त्याग मधुर स्वर देता है, तेल और घी का त्याग सौन्दर्य प्रदान करता है, शाक यानि पत्तेदार सब्जियों का त्याग बुद्धि, बुद्धि और उत्तम संतान प्रदान करता है, और दही और दूध के त्याग से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है।

देवपोड़ी एकादशी व्रत आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को बताया जाता है। इसे हरिपोधि, योगनिद्रा या पद्मनाभ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवपोढ़ी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष विधि से पूजा की जाती है। देवपोढ़ी एकादशी व्रत करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है।