Jul 15, 2023
पंचतत्वों से जुड़े भगवान शिव के ये 5 धाम, दर्शन मात्र से पूरी होगी आपकी मनोकामनाएं
हिंदू धर्म पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) पर आधारित है। ये मंदिर बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मान्यता है कि इस शिवधाम के दर्शन और पूजन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव की कृपा बरसती है। आइए जानते हैं पंचतत्वों पर आधारित शिव मंदिर के बारे में।
भगवान शिव का यह मंदिर चमत्कारी माना जाता है। जो पृथ्वी तत्व पर आधारित है। एकंबरनाथ मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है। मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही शिव भक्त के दुख दूर हो जाते हैं। यह शिवलिंग रेत से बना है। इसीलिए यहां जलाभिषेक नहीं किया जाता, केवल जल छिड़का जाता है।
जंबुकेश्वर मंदिर को जल तत्व का प्रतीक माना जाता है। यह मंदिर त्रिचिरपल्ली में स्थित है। लोग इस शिवलिंग को अप्पू लिंगम के नाम से पूजते हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने इस शिवलिंग को जल से बाहर निकाला था और इसकी पूजा की थी।
अरुणाचलेश्वर मंदिर अग्नि तत्व पर आधारित है। यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने या दर्शन करने से असीमित ऊर्जा मिलती है।
भगवान शिव का यह मंदिर वायु तत्व पर आधारित है। जो आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कालाहस्ती क्षेत्र में स्थित है। इस शिवलिंग को वायुलिंग या कपूरलिंगम के नाम से जाना जाता है। इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने और उसे छूने की मान्यता है।
आकाश तत्व पर आधारित भगवान शिव का एक मंदिर तमिलनाडु के चिदम्बरम शहर में स्थित है। दक्षिण भारत में यह मंदिर थिल्लई नटराज मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां भगवान शिव की नृत्य करती हुई मूर्ति दिखाई देती है। पंचतत्वों पर आधारित मंदिरों में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां लिंग की जगह भगवान शिव की मूर्ति की पूजा की जाती है।