Sep 20, 2024
Khalistan Supporter Pannu News : खालिस्तान चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कोशिश के आरोप में अमेरिका की एक अदालत ने भारत सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ समन जारी किया है. कोर्ट के फैसले से भारत सरकार नाराज है और विदेश मंत्रालय ने फैसले को कड़े शब्दों में गलत बताया है.
भारत सरकार समेत इन पांच लोगों के खिलाफ समन
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अमेरिकी अदालत का फैसला पूरी तरह से गलत है और हमें इस पर आपत्ति है. न्यूयॉर्क स्थित दक्षिणी जिले की जिला अदालत ने भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव और बिजनेसमैन निखिल गुप्ता के नाम समन जारी किया है. जिला कोर्ट ने सभी पक्षों को 21 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया.
भारत के विदेश सचिव ने क्या कहा?
अमेरिकी कोर्ट के समन पर विदेश सचिव ने कहा, 'जब यह मामला पहली बार हमारे सामने आया तो हमने कार्रवाई की. हमने इस मामले में पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है और वह जांच भी कर रही है. अब मैं उस शख्स के बारे में बताना चाहता हूं जिसने ये केस दर्ज कराया है. गुरपतवंत सिंह पन्नू का इतिहास हर कोई जानता है, वह एक अवैध संगठन से जुड़ा हुआ है और ये बात सभी जानते है.
क्या बात है आ?
गुरपतवंत सिंह पन्नू का पिछले साल अमेरिका में एक्सीडेंट हो गया था. इस मामले में अमेरिका ने पिछले साल जून में निखिल गुप्ता नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था. अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया था.
कौन हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू?
कनाडा में निज्जर की हत्या के बाद अब अमेरिका में रह रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला हैं. पन्नू का नाम भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में भी शामिल है. उसे 2020 को आतंकवादी घोषित किया गया था. पन्नू के खिलाफ पंजाब में 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिसमें 3 देशद्रोह के मामले भी शामिल हैं. फिलहाल पन्नू अमेरिका का नागरिक है और वहां से वह लगातार वीडियो जारी कर भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है. विदेश में रहकर भी वह खालिस्तानी प्रथाओं को जारी रखता है. इससे पहले भारत सरकार ने पन्नू की भारत राज्य की सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया था.
कौन हैं निखिल गुप्ता?
अमेरिकी न्याय विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक हैं. गुप्ता को इस साल 30 जून को अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत चेक गणराज्य के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था. एक कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी जिसका नाम दस्तावेज़ में नहीं है लेकिन उसे CC-1 के रूप में संबोधित किया गया है. कहा जाता है कि CC-1 अमेरिकी धरती पर वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रचने के लिए भारत और अन्य जगहों पर निखिल गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ काम कर रहा था. दस्तावेज़ में CC-1 को सुरक्षा और ख़ुफ़िया विभाग से जुड़ा व्यक्ति बताया गया है.