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दंतेश्वरी देवी की भक्ति से सराबोर हुआ दंतेवाड़ा शहर!

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Mar 18, 2018

चैत्र नवरात्र के आते ही पूरा दन्तेवाड़ा शहर दंतेश्वरी देवी के भक्ति से सराबोर हो गया है।आदिशक्ति माँ दंतेश्वरी के दर्शनों के लिये चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही हजारो की संख्या में भक्त देवी दर्शनों के लिए मंदिर पहुँच रहे है। देश-विदेश से दंतेश्वरी मंदिर में सहस्त्र ज्योति दीप मनोकामना के लिए भक्त दीप प्रज्वलित करते है। पूरा मंदिर परिसर रात में जगमग-जगमग झालरों से सजा हुआ है।

बता दें कि 52 शक्तिपीठों में से 1 दन्तेवाड़ा का दंतेश्वरी माँ का मंदिर है। जहाँ देवी सती के 52 खंड में दांत दन्तेवाड़ा में गिरने की वजह से ही दन्तेवाड़ा नाम पड़ा हुआ है। दंतेश्वरी देवी का तेजपुंज प्रताप पूरे राज्य से लेकर देश के कोने-कोने में फैला हुआ है। नवरात्रि के विशेष नौ दिन मंदिर में भक्त मनवांछित मनोकामना लेकर देवी माँ के दर्शनों के लिये पहुँच रहे है। वर्ष में 2 बार शारदीय नवरात्री और चैत्र नवरात्रि के विशेष अवसर पर पूरा मंदिर प्रांगण विशेष तौर पर सजा होता है। साथ ही भक्त देश-विदेश से मनोकामना पूर्ति के लिए सहस्त्र ज्योतिकलश माँ के द्वार में प्रज्वलित करते है। रात्रि के समय मुख्य द्वार से लेकर मंदिर के चारो तरफ झालरों की विशेष सजावट कर पूरा मंदिर सजा दिया गया है।

जिला प्रशासन और टेम्पल कमेटी दोनों के सहयोग से विशेष तौर पर भक्तो के लिए व्यवस्था की जाती है। मंदिर के गर्भगृह में पुरुषों के दर्शनों के लिए धोती के स्टाल, लाइन व्यवस्था में चले इसके लिए व्यवस्था भी कर रखी गयी है। मंदिर परिसर के आस-पास में लगी दुकाने सज धज गयी है। भक्त सुबह से ही दर्शनों के लिये पहुँच रहे है। सुबह-शाम की माई जी की आरती के सुनने के लिए पूरे शहर में साउंड सिस्टम लगवाये गये है। यहां 9 दिनों तक भक्तो की भीड़ उमड़ती है। मंदिर में भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। बहुत ही आस्था है दंतेश्वरी मंदिर की। ज्योति कलश लोग विदेशों से भी यहाँ जलवाते है। अमेरिका से भी कलश जलने आते है। 9 दिनों में देवी के नौ रूपो की पूजा होती है। चैत्र नवरात्र में 5000 ज्योति कलश जलते है। प्रशासन पूरी मदद करता है।