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कर्मा पर्व पर 25 कर्मा नृत्य टीमों ने दर्शकों का मोहा मन

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Sep 3, 2017

कोरिया : छत्तीसगढ़ के कोरिया में कर्मा पर्व बड़े धूम-धाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम को खास मनाने के लिए विशेष आयोजन किया गया, जिसमें सरगुजा संभाग के लगभग 25 कर्मा नृत्य टीमों ने हिस्सा लेकर अपने कर्मा नृत्य से उपस्थित हजारों दर्शकों का मन मोह लिया। यहां तक कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रदेश के श्रम, खेल युवामंत्री व कार्यक्रम के अध्यक्ष कमलभान सरगुजा संभाग के सांसद कर्मा नृत्य की टीमों के साथ नृत्य करने से अपने आपको रोक न सकें और ढ़ोल गले में फंसाकर कदम से कदम मिला कर खूब नाचे। बता दें पिछले 10 वर्षों से लगातार कोरिया जिले के शिवपुर चरचा नगर पालिका के खेल मैदान में संभाग स्तरीय कर्मा त्योहार मनाने का आयोजन होता है। जिसमें संभाग के लगभग 25 कर्मा नृत्य टीमें अपनी स्वेक्षा से गाने बजाने खुशियां मनाने के लिए एकत्रित होती है। 

कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के पूजा स्थल पंडाल के बीचों - बीच रखे करम डार से होती है जहां करम डार का कलम लगाया जाता है और करमडार के चारों तरफ व्रतधारियों द्वारा लाये गये ज्वार को सजा कर गोल रखा जाता है। जिसके बाद स्थानीय बैगा द्वारा विधिवत पूजा पाठ करने के बाद बैगा के द्वारा सभी व्रत धारियों महिला, पुरूष, युवतियो व बच्चों को करम देवजी के बारे में जानकारियां दी जाती है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे मान्यता है कि इस पूजा से कर्म अच्छे होते है एवं उसके सभी काम पूरे होते है। जिसके कर्म अच्छे नहीं होते है वो अगर करमदेव की पूजा पूरी विधि विधान से करे तो उनका भी कर्म अच्छा हो जाता है। ग्रामीण अंचलों में इस त्यौहार में करमडार के पास रखे ज्वार के सामने करमा नृत्य करना ग्रामीणों की पंरमपरा है। 

कर्मा के त्यौहार किसानों की फसल बोआई से यह प्रारंभ हो जाता है। ज्वार बुनने का यह रश्म एक सप्ताह पहले ही लगभग शुरू हो जाता है। सभी व्रत धारियों द्वारा ज्वार को ही सर पर रखकर करमडार के कलम पास चारों तरफ रखा जाता है। करमा के दिन सभी व्रत किये हुये महिला, पुरूष, बच्चे अगले दिन पूजा के काम में लाये हुये जो वस्तु व सामग्री विसर्जन करते है। उन्हे विसर्जन करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण या पालन करते है। चूँकि यह त्यौहार देश के कुछ गिने - चुनें हिस्सों जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में ही मनाया जाता है। यह भी एक कारण है कि देश में कई लोग इस त्यौहार से अनभिज्ञ है।