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छोटे से नाले पर खड़ा किया पुल, सरकार को लगा करोड़ों का चूना

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Jul 27, 2017

गरियाबंद : जिले में सेतू निर्माण विभाग के कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग पर आरोप हैं कि उसने ग्रामीणों के बिना मांगपत्र के ही एक छोटे से नाले पर पौने दो करोड़ का पुल खड़ा कर दिया। पुल बनने से महज 60 परिवारों के एक छोटे से गांव को फायदा मिलेगा, जबकि उनकी आवाजाही के लिए पुल से 100 मीटर की दूरी पर ही पुलिया बना हुआ हैं। मामला देवभोग अनुविभाग के धूपकोट गांव का हैं।

सेतू निर्माण विभाग ने धूपकोट के 6 मीटर चौड़े सुआस नाले पर पौने दो करोड़ की लागत से 75 मीटर लंबा पुल बनाया हैं। विभाग ग्रामीणों की मांग पर पुल बनाने और 10 से 12 गांव के ग्रामीणों को पुल का लाभ मिलने का दावा कर रहा हैं, जबकि पुल से केवल धूपकोट के 60 परिवारों को लाभ मिल सकता हैं। उनके लिए भी सरकार ने पहले ही पुल से महज 100 मीटर की दूरी पर रपटा बना रखा हैं। धूपकोट गरियाबंद जिले की सीमा का अंतिम गांव हैं और उसके आगे ओड़िसा की सीमा शुरू हो जाती हैं।

जिला पंचायत निर्माण समिति के सभापति नीरज ठाकुर ने विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। नीरज के मुताबिक पुल को निर्धारित स्थान की बजाय दूसरे स्थान पर बनाया गया हैं। जहां एप्रोच रोड़ तक की सुविधा नहीं हैं, यहां तक कि पुल निर्माण में आई लगानी जमीन का मुआवजा भी किसान को नहीं दिया गया। यही नहीं जिस बाढ़ का डर बताकर विभाग ने इतना बड़ा पुल खड़ा किया हैं, उसी पुल के एक तरफ नाले के बीचोबीच बिजली विभाग ने ट्रासंफार्मर लगाकर साबित कर दिया कि यहां बाढ़ का खतरा नहीं हैं। इससे भी विभाग के दावों की पोल खुलकर सामने आ गयी हैं।