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जशपुर में प्रशासन की लापरवाही को ढँकने की अमानवीय कोशिश

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Jan 6, 2018

जशपुर। एक दिव्यांग बेटे को पेंशन और पेट भरने के लिए चावल देने की मांग को लेकर पिता अपने गांव आये मुख्यमंत्री से मिलने की 2 घण्टे तक कोशिश करता रहा। लेकिन जब कोशिश हार गई तो पिता रो पड़ा । संवेदनशील सरकार के मुखिया से कोटवार पिता को नहीं मिलने देना प्रशासन की लापरवाही को ढँकने की अमानवीय कोशिश है। जो मानवता को झकझोर देने वाली है । दरअसल शुक्रवार 5 जनवरी को सूबे के मुखिया विकास तिहार मनाने जशपुर के सीमावर्ती गांव खारीबहार में आये। मंच से जशपुर की जनता को 1 हजार करोड़ से ज्यादा की सौगात दी । लोगों के जीवन मे खुशहाली लाने की कई गाथाएँ कलेक्टर ने गाई, विधायकों ने गाई ,गृहमंत्री ने गाई। और तो और खुद मुख्यमंत्री ने भी गाई लेकिन मंच के किनारे खड़े उसी गांव के कोटवार के आंसू नहीं पोंछ पाए । यह कोटवार जयपाल चौहान खारीबहार गांव का है। जिसका यह 20 साल का दिव्यांग बेटा है जो पूरी तरह से अपने पिता की सेवा पर जिंदा है। इसको इसके हिस्से की पूरी जिंदगी देने के लिए कोटवार ने लोक सुराज, कलेक्टर जनदर्शन में कई बार पेंशन और चावल मांगा लेकिन नहीं मिला। कलेक्टर जनदर्शन में कलेक्टर ने एक सप्ताह में पेंशन देने के लिए पंचायत को कागज भेज देने का भरोसा दिया लेकिन वह कागज भी अभी तक नहीं आया। वहीं मुख्यमंत्री तक यह समस्या न पहुंच पाए इसके लिए प्रशासन ने दोनों बाप-बेटों को कार्यक्रम स्थल पर रोक कर रखा । जब कार्यक्रम खत्म हुआ और सीएम मंच छोड़कर लंच पर गए तब जयपाल मंच में पास आकर अपने बेटे के साथ रोने लगा। वहीं जब इस मामले में एक संवेदनशील लेकिन ड्यूटी में बंधे अधिकारी ने मीडिया का ध्यान इस ओर दिलाया और जब इस बेबस बाप-बेटे पर कैमरे चलने लगे तो जिला प्रशासन की सांस फूलने लगी। कि अब कहीं लंच में बैठे सीएम तक यह बात पहुंच गई तो तारीफ के बाद फजीहत न हो जाये। फिर सीईओ जिला पंचायत कुलदीप शर्मा मंच के किनारे औऱ कोटवार से मिले और सीईओ ने तत्काल पेंशन जारी करने की बात कही ।