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मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा गांव

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Sep 20, 2017

कोरिया : एक ओर सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही, वहीं ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं। सोनहत विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बेलिया आश्रित वनांचल क्षेत्र ठकुरहाथी गांव में लगभग 40 से 45 घर हैं। यहां रहने वालों की संख्या लगभग सौ से डेढ़ सौ हैं।

जहां के ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते नजर आ रहे हैं। गांव में पहुंच मार्ग का बुरा हाल हैं। रास्ते में पड़ने वाली नदियों में पुल तक नहीं, जिसमें हल्की बारिश होने पर भी बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती हैं। एमरजेंसी में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जान जोखिम में डाल कर नदी पार करनी पड़ती हैं। 

गांव के ग्रामीणों ने बताया कि राज्य सरकार की योजनाएं गांव पहुंचते-पहुंचते आधा दम तोड़ देती हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहद बनाए गए शौचालय आज भी अधर में अटके हैं, इंदिरा आवास की राशि, पेंशन भुगतान अटका हुआ हैं, राशन लेने भी लगभग 10 किलोमीटर का लंबा सफर कर हर महीने नदी पार करके जाना पड़ता हैं।

ऐसा नहीं हैं कि नदी में पुल और अपनी समस्याओं से किसी भी अधिकारी जनप्रतिनिधि को अवगत न कराया हो। ग्राम स्वराज, लोग स्वराज, क्षेत्रीय विधायक तक से मांग की गई, मगर उनके कान में जू तक नहीं रेंगती और विकास के दौर में आज भी गांव पिछड़ा हुआ हैं।

कई अधिकारियों ने भी उस गांव की हालत को देखा हैं, पर आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला। गांव के लोग आज भी आस लगाए बैठे हैं। गांव की समस्याओं को ले कर जब जनपद सीईओ के पास पहुंचे तो उन्होंने इस बात को माना कि उस गांव में नदी पर पुल न होना सबसे बड़ी समस्या हैं और संज्ञान में लेते हुए जल्द ही कार्यवाई की बात कही।

शिव सेना के जिला प्रभारी विपिन तिवारी ने भी गांव के ग्रामीणों से रूबारू होते हुए समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। हर संभव मदद का आश्वासन दिया और समस्याओं को लेकर अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही।