Jul 21, 2017
बलरामपुर : सरगुजा से विभाजन हो कर बलरामपुर को अलग जिला बनाया गया था। जिला बनाने के बाद जिले में सरकारी तंत्र विकास कार्यो में जोर शोर से जुट गये। विकास तो हुआ लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में कितना विकास हुआ यह देखते ही बनता हैं। जिले में लगभग 300 से अधिक भवन अधूरे हैं। भवन की हालत भी जर्जर हो चुकी हैं। आज बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे हैं। इस ओर न जिला प्रशासन कुछ कर रहा हैं न शिक्षा विभाग। वहीं अब सम्बंधित अधिकारी जांच करने की बात करते नजर आ रहे हैं।
बलरामपुर जिला बनाने के बाद विकास की गति में तेजी आएगी ये कयास लगाए जा रहे थे। जिला प्रशासन ने जिले के विकास के लिए योजना बाध्य कार्य भी किये, लेकिन आज जिले में लगभग 300 से ज्यादा स्कूल भवन का कार्य अधर में लटके हुए हैं। भवन नहीं होने के कारण बच्चे एक ही रूम में भेड़ बकरी की तरह बैठकर पढ़ रहे हैं। स्कूल भवन के निर्माण की जिम्मेदारी सर्व शिक्षा अभियान को दी गई थी। सर्व शिक्षा अभियान ने इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दे दी, लेकिन ग्राम पंचायत ने भवन निर्माण ना करा कर पैसे का बन्दरबाट कर लिया।
लोगों की माने तो अधूरे पड़े भवन अब निर्माण योग्य नहीं बचे हैं। उस पर फिर कार्य करना सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना होगा। अब वहीं सम्बंधित अधिकारी जांच और रिकवरी का हवाला दे रहे हैं और पुनः निर्माण की बात कह रहे हैं।
इस पूरे मामले के जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेकर कार्यवाई करने की बात कह रही हैं और जरूरत के हिसाब से नए स्कूल भवन का प्रस्ताव भी राज्य शासन को भेजे जाने की बात कह रही हैं।