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"दशरथ मांझी" बन गए 4 गांव के सैकड़ों किसान

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Sep 5, 2017

धमतरी : आज के समय में लोग छोटे से छोटे काम के लिए शासन-प्रशासन का मुंह ताकते हैं और मांग पूरा नहीं होने पर शासन-प्रशासन को जमकर कोसते नहीं थकते, लेकिन इन सब से परे धमतरी में ऐसे भी लोग देखने को मिले हैं, जो शासन प्रशासन का मुंह ताकने के बजाय एक कारवा तैयार कर खुद ही एक मुहिम में जुट गए हैं।

हम बात कर रहे हैं जिले के मगरलोड ईलाके के झाझरकेरा, धनबुडा, देवगांव और भलुचुवा की। यहां के किसान अपने फसलों को बचाने के लिए नहर बनाने में जुट गए हैं। वे भी बिना किसी सरकारी मदद के और पूरे ग्रामवासियों ने ठान लिया हैं कि जब तक वे काम को अंजाम तक नहीं पहुंचा देते, तब तक वे अपने पैर पीछे नहीं खीचेंगे।

दरअसल मगरलोड इलाके के किसान मानसून पर ही निर्भर रहते हैं। जहां सिंचाई का कोई दूसरा साधन नहीं हैं और बारिश नहीं होने पर किसानों को खेत से मुट्ठी भर अनाज तक नहीं मिलता हैं। कुछ ऐसा ही हाल झाझरकेरा, धनबुडा, देवगांव और भालुचुआ गांव का हैं।

इनके गांव से एक नाला होकर गुजरता हैं। जिस पर ग्रामीण बीते तीन सालो से स्टॉप डेम बनाने की मांग करते आ रहे, लेकिन शासन के नुमांइदों ने इन किसानों की मांग को तरजीह देना उचित नहीं समझा। आखिर में गांव वालों ने अपने खेतों की सिंचाई करने के लिए इस नाले से एक नहर बनाकर अपने खेतों की ओर ले जाने का फैसला लिया।

इसके बाद किसानों ने पत्थरों का सीना चीरते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करने में लग गए। किसानों का कहना हैं कि इस नाले पर स्टॉप डेम बनाने कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने इनके दुःख दर्द को नहीं समझा। जिसके चलते ग्रामीणों ने श्रमदान से ही नहर बनाने का काम शुरू किया।

ग्रामीणों का कहना हैं कि एक महीने से पूरे गांव के लोग नाले को नहर बनाने के काम में लगे हैं और जल्द ही उनके सपने पूरे होने वाले हैं। वहीं किसानों ने बताया कि अगर नाले में स्टॉप डेम बनाया जाता हैं तो करीब 3 हजार एकड़ खेतों में सूखे की समस्या दूर हो जाएगी।

बहरहाल जिला प्रशासन ग्रामीणों के इस हौसले और जज्बे की जमकर तारीफ कर रहे हैं, साथ ही ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से स्टॉप डेम बनाने में हर संभव मदद देना का भरोसा दिलाया हैं।