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उज्जवला योजना में जमकर घोटाला, गैस कनेक्शन की स्वीकृति के बावजूद हितग्रा​हियों को नहीं मिले सिलेंडर

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May 26, 2020

विप्लव गुप्ता : गरीबों को उज्जवला योजना के अंतर्गत मिलने वाले मुफ्त गैस कनेक्शन में गैस कनेक्शन वितरकों ने जमकर घोटाला किया है। गरीब हितग्राहियों से गैस कनेक्शन का फॉर्म भरवाने और गैस कनेक्शन की स्वीकृति मिलने के बावजूद हितग्राहियों को उनके हिस्से के गैस चूल्हा और सिलेंडर नहीं दिए गए हैं। गरीबों के साथ की गई इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब कोरोना काल में केंद्र सरकार ने सभी गैस कनेक्शन धारकों को गैस रीफिल कराने के लिए 800 रुपये उनके खाते में जमा कराए, तब हितग्राहियों को गैस कनेक्शन और उनके साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला.. मामला सामने आने के बाद अधिकारी जांच के बाद कार्यवाही की बात कह रहे हैं।

चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर महिलायें

गरीब महिलाओं को खाना बनाने में हो रही परेशानी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बड़ी योजना उज्ज्वला योजना में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में जमकर घोटाला किया गया है। यहां गरीब बीपीएल सूची के हितग्राहियों से कई बार फार्म भरवाए गए, कनेक्शन स्वीकृत होने के बावजूद उन्हें हर बार यह कहकर लौटा दिया गया कि आपका गैस कनेक्शन स्वीकृत नहीं हुआ है। भोले भाले आदिवासी ग्रामीण गैस वितरकों के बहकावे में आकर उनकी बात पर विश्वास कर लिया और उसी तरह भोजन बनाने के लिए कंडा और लकड़ी पर आश्रित हो गए। महिलाएं उसी तरह मिट्टी के चूल्हे पर भोजन बनाने को मजबूर हो गई।

हितग्राहियों को लगी घोटाले की भनक

लेकिन बता दें कि, जब कोरोना काल में लॉक डाउन की अवधि शुरू हुई तब केंद्र की ओर से जारी किए गए भारी-भरकम राहत पैकेज में इन गरीब उज्जवला गैस कनेक्शन धारकों के गैस रिफिलिंग के लिए 800 प्रति कनेक्शन धारक सीधे उनके खाते में जमा किए गए जिसके बाद इन हितग्राहियों को पता चला कि उनके नाम से गैस कनेक्शन है तब इस बड़े गड़बड़ झाले की जानकारी हितग्राहियों तक आई। हालांकि इसके बावजूद स्थानी गैस कनेक्शन वितरकों ने उन्हें गैस कनेक्शन नहीं दिए जबकि सालों पहले इनके नाम पर गैस कनेक्शन अलाउड हो चुका था और ग्राम पंचायत में इनकी सूची भी चस्पा की गई थी जिसे देखकर यह बार-बार गैस कनेक्शन लेने जाया करते थे।