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प्रतापपुर व घुई वन परिक्षेत्र में हाथियों का आतंक बदस्तूर जारी, हाथियों ने तोड़े दर्जनों मकान

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Sep 6, 2019

दिलशाद अहमद : सूरजपुर के प्रतापपुर और घुई वन परिक्षेत्र में हाथियों का आतंक बदस्तूर जारी है, अगर पिछले 4 दिनों की बात की जाए तो अभी तक हाथियों ने दर्जनों मकान तोड़ दिए हैं साथ ही सैकड़ों एकड़ खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया है, जिसकी वजह से स्थानीय ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं तो वही वन अमला हाथियों के सामने हथियार डाल चुका है और कार्यवाही के नाम पर मुआवजा बांटने में लगा हुआ है।

कई दशकों से हाथी के आतंक का दंश झेल रहा ये क्षेत्र
जिले का प्रतापपुर विधानसभा प्रदेश मे एक अहम स्थान रखता है, पिछली विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व प्रदेश के तात्कालिक गृहमंत्री रामसेवक पैकरा कर रहे थे, तो वहीं अभी क्षेत्र की बागडोर प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह के पास है, बावजूद इसके यह क्षेत्र पिछले कई दशकों से हाथी के आतंक का दंश झेल रहा है। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब यही कांग्रेसी हाथी की समस्या की लड़ाई सड़क से लेकर विधानसभा तक लड़ रहे थे, कई बार कांग्रेस के नेताओं ने यह मामला विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन आज कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेसी नेताओं को हाथी पीड़ित परिवारों की सुध लेने तक की फुर्सत नहीं है। अभी कुछ दिनों से भूमि और प्रतापपुर वन परिक्षेत्र मैं हाथियों का आतंक चरम पर है, पिछले 4 दिनों में लगभग 22 हाथियों के अलग-अलग दल में ग्रामीणों के दर्जनों मकान तोड़ दिए हैं और घर में रखा अनाज भी चट कर गए हैं, साथ ही उनके खेतों में लगी खड़ी फसल को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया है और अभी भी हाथियों का दल इसी क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है।

कर्मचारी सुरक्षा के लिए मौके पर नहीं पहुंचता..
ग्रामीणों के अनुसार वन विभाग को सूचित करने के बावजूद वन अमले का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी सुरक्षा के लिए मौके पर नहीं पहुंचता है, जिसकी वजह से स्थानीय ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं, इन ग्रामीणों के पास घर में रखा अनाज और खेत में खड़ी फसल दोनों ही हाथियों ने नष्ट कर दिया है,यैसे में इन किसानो की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इस क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में रात गुजार रहे हैं तो वही कांग्रेस के पदाधिकारी भी यह मान रहे हैं क्षेत्र में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, साथ ही वे इन सभी समस्याओं के लिए स्थानीय के अधिकारियों को दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

वन विभाग सवालों के घेरे में 
हाथी की समस्या को लेकर लगातार वन विभाग सवालों के घेरे में रहा है, स्थानीय लोगों से लेकर जनप्रतिनिधि तक सभी हाथी की समस्या की वजह वन विभाग को मान रहे हैं, तो वही वन विभाग खुद को हाथी के सामने मजबूर बता रहा है, ग्रामीणों को हाथियों की समस्या से निजात दिलाने की बजाये वन विभाग मुआवजा बांटने में लगा हुआ है, वन विभाग के अधिकारी साफ तौर पर मानते हैं कि हाथी की समस्या से निपटने के लिए फिलहाल उनके पास कोई कारगर उपाय नहीं है।

कुछ सालों में हाथियों ने कई ग्रामीणों को उतारा मौत के घाट
बता दें कि यह वही इलाका है जहां इंसान और हाथी के बीच जंग भी देखी गई है, जहां पिछले कुछ सालों में हाथियों ने कई ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है तो वही स्थानीय लोगों के द्वारा कुछ हाथियों की हत्या का भी मामला सामने आया है, बावजूद इसके वन अमले की ओर से कोई ऐसी पहल नहीं की जा रही है जिससे और हाथियों के बीच जंग समाप्त हो सके, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह जंग और कब तक जारी रहेगी।