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छत्तीसगढ़ जल चिंतन 2018 कार्यशाला आयोजित, जल संसाधन मंत्री ने किया कार्यशाला का शुभारंभ

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Aug 2, 2018

हेमंत शर्मा : राजधानी रायपुर के पांच सितारा होटल में आज छत्तीसगढ़ जल चिंतन 2018 कार्यशाला आयोजित हुई। जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किया इस कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर विभागीय सचिव सोनमणि बोरा कार्यक्रम सहित बाहर आये एक्सपर्ट भी मौजूद थे कार्यशाला में जल संरक्षण को लेकर गंभीर चर्चा हुई।

पांच सितारा होटल में बैठकर रमन सरकार के जल संसाधन मंत्री बेहद तनाव में आ गए, मंत्री बेहद परेशान और चिंतित नजर आने लगी। ये चिंता जायज भी थी क्योंकि चर्चा विश्व की सबसे बड़ी समस्या पर हो रही थी जिससे आज छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी संकट से जूझ रहा है चर्चा में अपना भाषण देते हुए एक तरह से उन्होंने खुद की सरकार को ही नहीं खुद को भी कठघरे में खड़ा कर दिया।

मंत्री बृजमोहन के मुंह से सच्चाई सुनकर वहां बैठे अधिकारी सहित अन्य लोग भी सकते में आ गए। मंत्री जी ने कहा कि हमने प्रकृति के साथ न्याय नहीं किया, आज कॉन्क्रीट के जंगल बन रहे हैं इसलिए पानी की समस्या बढ़ रही है हमारे जितने नदी नाले हैं उन्हें रिवाइव पर आज तक कोई प्रयास नहीं किया। हमने नालों के गहरीकरण के लिए कोई काम नहीं किया। एक विभाग बनना चाहिये की जो वाटर डिजास्टर का काम हो सके, हमारे देश मे हमारी संस्कृति के वेद पुराणों में भी सरोवर को सहेजने की बातें लिखी है। मंत्री ने कहा कि आज आवश्कयता है कि वाटर ट्रीटमेंट के लिए सस्ते तरीको को एडॉप्ट किया जाए। नदियों और नालों के सोर्स खो गए हैं उनको खोजने की जरूरत है पानी उतना ही है परंतु उस हम पानी को हम कम कर रहे है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए सचिव सोनमणी वोरा ने कहा कि छग राज्य तालाबों का राज्य है हमारे पूर्वजो ने जल संवर्धन के लिए काफी प्रयास किया है रायपुर में 200 से अधिक तालाब हुआ करते थे बूंद बूंद पानी बचाने की संस्कृति छग में है आनेवाले समय मे उद्योग भी इस पर हाथ बाटये। सरकार लगातार जल सरंक्षण के लिए काम कर रही है आने वाले दिनों में जल को लेकर चुनौतिया बढ़ेंगी। प्रधानमंत्री जी ने लक्ष्य दिया है कि हर खेत मे पानी हो इसके लिए हम काम कर रहे है इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। मैक्रोएडीशंन प्रोजेक्ट की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। अन्य विभागों के बीच समन्वय बनाने की भी कोशिश की जा रही है।