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बस्तरः 102 महतारी एक्सप्रेस वाहन गर्भवती महिलाओं के लिए साबित हो रहा है संजीवनी

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Apr 15, 2019

आशुतोष तिवारी- बस्तर संभाग के उन क्षेत्रों के लिए जहा संसाधनों व सुविधाओं की कमी है। ऐसे ग्रामीण अंचलों में 102 महतारी एक्सप्रेस वाहन गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हो रही है। शहर से लेकर गांव तक महतारी और संजीवनी वाहन गर्भवती को घर पहुंच सेवा दे रही है। बीते 5 सालों में महतारी एक्सप्रेस वाहन से अब तक 5 लाख 90 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं का शिशुओं को सुविधा व सेवा प्रदान की गई है।

अब तक लाख 90 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को इस सेवा का लाभ मिल चुका 

102 महतारी एक्सप्रेस के इंचार्ज संतोष ने जानकारी देते हुए बताया कि सन् 2013 में महतारी एक्सप्रेस योजना की शुरुआत की गई थी। जिसके बाद से बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पहुंच विभिन्न मार्गों में भी महतारी एक्सप्रेस के द्वारा गर्भवती महिलाओं को सफलतापूर्वक अस्पताल पहुंचाया गया और कई बार गंभीर कोशिश में टीम द्वारा वहीं पर ऑपरेशन किया गया। इंचार्ज ने बताया कि बस्तर संभाग में कुल 74 महतारी एक्सप्रेस वाहन अपनी सेवा दे रही हैं। खासकर बीजापुर दंतेवाड़ा सुकमा और नारायणपुर जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी महतारी एक्सप्रेस गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। संतोष ने जानकारी देते हुए बताया कि सन्  2013 से लेकर अब तक 5 लाख 90 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को इस सेवा का लाभ मिल चुका है। हालांकि कमजोर मोबाइल नेटवर्क की वजह से घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में महतारी एक्सप्रेस समय पर नहीं पहुंच पाती है, लेकिन उन हालातों में भी टीम की कोशिश यही रहती है कि ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिल पाए।

नाजुक हालातों पर पहली प्राथमिकता मां और बच्चे को बचाने का होता है

इसके अलावा महतारी एक्सप्रेस  के कर्मचारियों ने बताया कि कई बार ऐसे हालात भी देखने को मिलते हैं जब गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने की हालात नहीं होती तो ऐसे समय पर ग्रामीणों की मदद से उस स्थल पर सफलतापूर्वक प्रसव कराने की कोशिश की जाती है। कई बार महिलाओं को सामान्य प्रसव भी कराया गया है। कर्मचारियों ने कहा कि कई बार नाजुक हालातों पर उनकी पहली प्राथमिकता मां और फिर उसके बच्चे दोनों को बचाने का होता है।  ठंड और बारिश के मौसम में भी टीम का प्रयास यही रहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक समय पर पहुंचा जा सके और इस योजना का लाभ बस्तर के ग्रामीण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले महिलाओं को मिल सके।