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संसदीय सचिवों की पावर को हाईकोर्ट ने किया सीज, अंतिम फैसला 23 अगस्त को

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Aug 1, 2017

रायपुर : छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों पर बर्खास्तगी का खतरा मंडराने लगा हैं। हाईकोर्ट ने जो आज आदेश दिया हैं उसके बाद छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिवों के काम-काज में फिलहाल रोक लग गई हैं। मतलब एक तरह से उनके पावर छीन लिए गए। हालांकि अंतिम फैसला 23 अगस्त को आना हैं, लेकिन आज के फैसले के बाद अब ये सवाल उठने लगे हैं कि छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव का पद क्या खत्म हो जाएगा? 

हाईकोर्ट के फैसले से जाहिर हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार झटका लगा होगा, क्योंकि अब छत्तीसगढ़ में भी संसदीय सचिवों के पद पर खतरा मंडरा गया हैं। संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने संसदीय सचिवों के कामकाज पर रोक लगाने को कहा हैं। कोर्ट ने ये तब की स्थिति में बताया हैं जब इनकी नियुक्ति मंत्री पद पर राज्यपाल ने नहीं की हैं। वहीं ये रोक तब तक लागू रहेगी जब तक कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर अंतिम फैसला न हो जाए। फैसला आने के बाद दोनों पक्ष की ओर से कोर्ट के आदेश को अपने पक्ष में बता रहे हैं। इस मामले में पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर और संगवारी संस्था के राकेश चौबे की ओर कोर्ट से मांग की हैं कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला न आ जाए, तब तक प्रदेश के 11 संसदीय सचिवों को वेतन, भत्तों, गाड़ियों और दूसरी सुविधाओं के लाभ से वंचित रखा जाए।

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेश का स्वगात करते हैं। क्योंकि ये आदेश छत्तीसगढ़ में चल रही तुष्टिकरण की राजनीति पर रोक लगाने वाला हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय सचिव पद का संवैधानिक पद नहीं हैं। भाजपा सरकार ने एक तरह से परंपरा चला रखी थी। संसदीय सचिवों को यहां पर मंत्रियों की तरह सुविधाएं दी जा रही हैं, मंत्रियों की उपस्थिति में विधानसभा में उनके विभागों को जवाब वे देते हैं और तो और संसदीय सचिवों की नियुक्ति मुख्यमंत्री करते हैं। लिहाजा इस पद को तत्काल खत्म किया जाए। 

छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव पद के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं, लेकिन यहां मध्यप्रदेश के कानून 1967 के आधार पर 11 संसदीय सचिव बनाए गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिवों पर अब तक 50 करोड़ का खर्चा हो चुका हैं। 

  • मासिक वेतन 73 हजार (11 अतिरिक्त भत्ता ) कुल खर्च 25 लाख
  • मंत्रालय से अलग, डी और ई टाइप कमरे, मंत्रालय में अलग कमरा 
  • लग्जरी गाड़ी
  • अलग ऑफिस और टेलीफोन 
  • सरकारी डीजल राजकोष से फ्री 
  • सुरक्षा के लिए 1 से 4 गार्ड 
  • बंगले में 6 चौकीदार और 2 रसोइयां