Aug 4, 2017
गरियाबंद : भूमि संरक्षण विभाग की एक लापरवाही किसानों पर भारी पड़ गई हैं। 50 से ज्यादा किसान मजदूर बन गए। मामला मैनपुर विकासखंड का हैं। भूमि संरक्षण विभाग ने पैरी नदी उद्गम स्थल के पास हरदीभाठा में बिना किसी लेआउट के 2005 में एक स्टापडैम बना था। स्टापडैम तो उसके अगले साल पहली ही बारिश में बह गया, मगर उसके कारण नदी का रुख बदल गया। पैरी नदी के पानी की धार किसानों के खेतों से होकर बहना शुरू हो गई।
देखते ही देखते किसानों के खेत नाले में तब्दील हो गए। ये सिलसिला पिछले 12 साल से चल रहा हैं, खेतों का कटाव लगातार बढ़ रहा हैं। अब तक 50 से ज्यादा किसानों की 250 एकड़ जमीन बर्बाद हो गई। किसान लगातार इसकी शिकायत जिम्मेदार लोगों से करते आ रहे हैं, मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। किसान रानू साहू अब पूरी तरह मजदूर बन चुका हैं, उसके ढाई एकड़ खेत नाले में तब्दील हो गए हैं। वह शुरू से ही मदद के लिए गुहार लगा रहा हैं।
प्रदेश के तमाम जिम्मेदार लोगों को गुहार लगा चुका हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी चिट्टी लिख चुका हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से आये पत्र में रानू को बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव को मदद के लिए निर्देशित किया गया हैं, मगर 4 महीने बाद भी प्रदेश के अधिकारियों ने किसानों की मदद के लिए कोई पहल नहीं की। किसानों का मानना हैं कि यदि कटाव को जल्द नहीं रोका गया तो हरदीभाठा, गोपालपुर, भाठीगढ़ और नाहरगिरी इन चारों गांव का पूरी तरह सफाया हो जाएगा।