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मस्तूरीः फसल तबाह कर रहे आवारा मवेशियों को लेकर आक्रोशित किसान, 250 मवेशियों को किया बाड़े में बंद  

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Oct 9, 2019

हरीओम श्रीवास - फसलें तबाह कर रहे 250 आवारा मवेशियों को गुस्साये किसानों ने निजी जमीन में बने बाउंड्री में दो दिनों से कर रखा था बन्द। मौके पर पहुंच कर एसडीएम ने छुडवाया मवेशियों को। किसान आक्रोशित हुये। पांच घण्टे बाद मवेशी को फिर से पकड़ कर जंगल में छोड़ने की तैयारी में जुटा अमला। किसानों का कहना है कि आवारा मवेशियों के लिए ठोस कदम नहीं उठाने से वे खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में तनाव की स्थिति को देखते हुए अपर कलेक्टर भगवान दास उइके, एडिसनल एसपी संजय ध्रुव, डीएसपी महेश सिन्हा मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा मिश्रा, नायब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंची।

सरकार की महत्वकांक्षी गौठान योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी गौठान योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। लोहर्सि में गोठान होने के बावजूद किसानों को अपनी फसल बचने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। ग्रामीण आवारा मवेशियों से परेशान है। आवारा मवेशी रात में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे निजात पाने के लिए ग्रामीण गांव के एक निजी जमीन में बने बाउंड्री का ताला तोड़कर उसे दो दिनों से कांजी हाउस के रूप में बना कर, आवारा मवेशियों को रखा था, लेकिन जमीन मालिक के शिकायत के बाद से मस्तूरी एसडीएम ने लोहर्सि पहुंच कर किसानों की समस्या जानने के बजाए, सभी मवेशियों को छोड़ने का आदेश दे दिया। जिससे किसान आक्रोशित हो गए और एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और सभी मवेशी फिर से खेत में फसल को चरने लगे।

तनाव होते देख मौके पर पहुंची पुलिस बल

गांव में तनाव होते देख, मौके पर पुलिस बल बुलाना पड़ गया। आवारा मवेशियों के लिए ठोस कदम नहीं उठाने से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में गांवों में किसान खेत के बीच रातभर जागकर खेतों में मवेशियों से फसलों से बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके बावजूद खेतों में झुंड के साथ आने वाले आवारा मवेशी फसलों को चट कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दूसरे गांव से इतनी तादात में मवेशी आ रहे हैं जो समझ से परे हैं। ग्रामीण अपनी मवेशियों को पहचानते हैं। कौन इसे रात को खेतों में छोड़ देता है, ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है। ग्रामीणों की मानें तो किसान एक तो अल्पवर्षा से परेशान है, ऊपर से बची फसल को आवारा मवेशी नुकसान पहुंचा रहे हैं।