Jul 5, 2018
एक ओर जहां प्रदेश सरकार 200 प्रतिमाह मैं उपभोक्ताओं को बिजली देने की बात कर रही है वहीं एक गांव के लोग आज भी निशुल्क केरोसिन लब्ध कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन दे रहे हैं मामला बागली विकासखंड के ग्राम पंचायत बीडगांव का है जोकी आदिवासी परिवारों की बस्ती है जहां पर आजादी के बाद आज तक घरों तक 24 घंटे चलने वाली बिजली नहीं पहुंच पाई है।
आज भी उक्त परिवार के लोग चिमनी के उजाले में अपनी रात गुजार रहे हैं बिजली नहीं होने के कारण कई मुसीबतों का सामना परिवार के लोगों को करना पड़ रहा है हालांकि कृषि उपयोग के लिए चलने वाली बिजली दिन के समय में दो-चार घंटे उक्त परिवारों को मिल रही है लेकिन रात्रि के समय में उक्त परिवारों को आज भी अंधेरे में ही रहना पड़ रहा है।
उक्त परिवार के लोगों को गेहूं पिसवाने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर शहर तक आना पड़ता है या फिर पुराने समय की घट्टियों मे ही महिलाओं को गेहूं पीसकर आटा बनाना पड़ता है वही रात्रि में बिजली ना होने के कारण बच्चों को मजबूरन चिमनी के उजाले में पढ़ाई करने पर मजबूर है तो वहीं चिमनी के उजाले में ही महिलाओं को घर का काम रात्रि में करना पड़ रहा है।
मंगलवार के दिन विद्युत मंडल द्वारा एक बड़ा आयोजन कर दावा किया गया था कि बागली अनुभाग के हर गांव मोहल्ले में तक बिजली पहुंच चुकी है और अब उपभोक्ता को 200 प्रतिमाह में बिजली दी जाएगी लेकिन वही विद्युत मंडल के इस दावे को बिडगांव की हकीकत झूठा साबित करती नजर आ रही है।