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पेंड्रा वन परिक्षेत्र में घुसा 14 हाथियों का दल, साीमित संसाधनों की वजह से बेबस नजर आया वन विभाग

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Dec 9, 2019

विप्लव गुप्ता : मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परिक्षेत्र में आज 14 हाथियों का दल घुस आया जिससे ग्रामीण पूरी रात दहशतजदा थे, उससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह थी कि इसमें मौत का पर्याय बन चुका गणेश हाथी भी साथ ही था। गणेश वही हाथी है जिसने कोरबा और धर्मजयगढ़ इलाके में 15 लोगों को मारा है वन विभाग ने इसके गले में GPS ट्रैकर लगा रखा है, गणेश मुख्य दल से अलग चल रहा है। लगातार दिन में भी रिहायशी इलाकों में घुसकर घरों और खलिहानो में रखे धान की पकी फसल खा रहा है वन विभाग हाथियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और ग्रामीणों को सतर्क कर रहे हैं।

हाथियों से अत्याधिक प्रभावित मरवाही वन मंडल
भालू का प्राकृतिक रहवास रहा मरवाही वन मंडल पिछले कुछ वर्षों से हाथियों से अत्याधिक प्रभावित है। मरवाही वन मंडल के बस्तीबगरा, कोटमी खुर्द इलाके में अचानक हाथियों का दल आ धमका, जिससे इस दूरस्थ आदिवासी इलाके में रहने वाले ग्रामीण दहशत में आ गए, हाथियों के आने की सूचना और मुनादी जब रात में वन विभाग ने की तब ग्रामीणों ने इन्हें हल्के में ले लिया पर कुछ ही देर में हाथियों का दल उनके घरों के आसपास पहुंच गया जिसके बाद ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर रात में ही घरों से भाग खड़े हुए, पूरी रात फसल चौपट करने के बाद हाथी मुरमुर इलाके में चले गए।  

हाथियों के सामने वन विभाग बेबस
वहीं सबसे खतरनाक दंतैल गणेश दिन में भी पूरे गांव में घूमता रहा, कभी वह अरहर के खेत में घुस जाता तो कभी मुख्य मार्ग पर खड़ा हो जाता था। यह खतरनाक हाथी सीधे एक रिहायशी मकान में पहुंच गया, जहाँ खलिहान में रखी धान की कटी फसल  खाने लगा, जिसके बाद ग्रामीण वहां से भाग खड़े हुए। गणेश घंटों ग्रामीण इलाके में मस्ती के साथ घूमता रहा, उसने खेत में बने छोटे ठोढ़ी से पानी भी पिया और अपने ऊपर भी पानी डालता मदमस्त घूमता रहा। यह दल से बिछड़ गया था पर वह लगातार उस मार्ग में ही बढ़ता गया। जहां रात में उसके अन्य साथी हाथी निकले थे। वह उन सभी घरों में भी गया जहां रात में दल गया था। विशालकाय हाथियों के इस समूह में 4 शावक भी है,हाथियों के सामने वन विभाग पूरी तरह बेबस नजर आया, सीमित संसाधनों के बीच विभाग सिर्फ ग्रामीणों को हाथियों के आने की सूचना ही देता रहा।