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गरियाबंद बुरजाबहाल महिलाओं ने पेश की मिसाल, गांव का बदल दिया नक्शा...

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Sep 17, 2019

पुरूषोत्तम पात्रा : नारी यदि सरस्वती का किरदार निभा सकती है तो दुर्गा भी बन सकती है। गरियाबंद जिले के बुरजाबहाल की महिलाओं ने दुर्गा बनकर गांव के लिए कुछ ऐसी ही मिशाल पेश की है। दिनभर नशा करना और जुआ, सट्टा खेलना देवभोग के बुरजाबहाल गांव की सालभर पहले यही पहचान थी, आये दिन मारपीट और थाना कचहरी जाना यहॉ के लोगों के लिए आम बात थी, मगर बीते एक साल में यहां सबकुछ बदल गया, गॉव का कोई भी व्यक्ति अब ना तो जुआ सट्टा खेलता है और ना ही किसी के घर में शराब बनती है, बल्कि गॉव में पूरी तरह शांति और अमल चैन का माहौल कायम है और ये सब संभव हुआ है। यहां की महिलाओं के द्वारा, पुरूषों के अत्याचार से तंग आकर सालभर पहले यहां की 6 महिलाओं ने बदलाव की बयार शुरु की थी तो आज कांरवा में बदल गयी हैं, गॉव की 300 से ज्यादा महिलाओं के समूह ने पुरुषों की बुरी आदतों को सुधार दिया है।

महिलाओं के कामकाज से प्रभावित थाना प्रभारी
गॉव में आये इस बदलाव से देवभोग पुलिस भी खुश है, थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम महिलाओं के कामकाज से बहुत प्रभावित है, बुरजाबहाल के लोगों की दिनचर्या अब पूरी तरह बदल गयी है। जुआ सट्टा खेलने वाले और दिनभर नशा करने वाले अब मेहनती बन गये है। गॉव के जिम्मेदार लोग इसके लिए समूह की महिलाओं की जमकर तारीफ कर रहे है।

आजीविका के नए रास्ते तलाशने में जुटी महिलाएं..
बुरजाबहाल की ये महिलाएं जागरुकता फैलाने के साथ अब अजीविका के नये रास्ते तलाशने में जुटी हैं, राज्य आजीविका मिशन इन महिलाओं को मार्गदर्शन दे रहा है। महिलाओं ने 24 समूह बनाकर अपना लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही गॉव को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है।