Sep 17, 2019
दीपिका अग्रवाल - मध्यप्रदेश में भारी बारिश ने हाहाकार मचा रखा है। इस बारिश से प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान अनुमानित है। हालाँकि प्रदेश सरकार की सजगता का नतीजा है कि 3 महीने पहले हुई प्लानिंग की वजह से प्रदेश में हालात ज्यादा नहीं बिगड़े। यदि समय से पहले ये सजगता नहीं दिखाई गई होती तो आज प्रदेश की स्थिति ज्यादा भयावह होती। ये कहना है प्रदेश के मुख्य सचिव एस आर मोहंती का जिन्होंने इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकारों से विशेष चर्चा की। मुख्य सचिव मोहंती ने बताया कि भारी बारिश की वजह से प्रभावित प्रदेश के नीमच, मंदसौर, भिंड, मुरैना सहित सभी इलाकों में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं प्रभावितों के लिए सरकार पूरी मुस्तेदी से काम कर रही है।
बांध पूरी तरह सुरक्षित
राहत केम्पों में प्रभावितों की संख्या लगातार कम हो रही है। उन्होंने कहा कि गाँधी सागर बाँध को लेकर कोरी अफवाहें उडाई जा रही है। बांध पूरी तरह सुरक्षित है। प्रदेश में भारी बारिश की वजह से जो भी नुकसान हुआ है उसका सटीक आंकलन विभागों द्वारा किया जा रहा है, जबकि अनुमानित आंकलन के अनुसार लगभग 8 हजार करोड़ का फसल नुकसान बारिश की वजह से अनुमानित है। आगामी 19-20 सितम्बर को भारत सरकार की टीम प्रदेश के दौरे पर आ रही है। यहाँ ये टीम इंदौर और भोपाल संभाग के गांवों का दौरा करेगी। 23-24 सितम्बर तक प्रदेश सरकार नुकसान का सटीक आंकलन कर उसकी रिपोर्ट भारत सरकार को सौपेगी। भारत सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद और प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले फंड से लगभग 20 दिनों में किसानों को राहत मिलना शुरू हो जाएगी।
बिगड़ी सड़कों को ठीक करने के लिए 20 नवम्बर की समय सीमा निर्धारित
मुख्य सचिव मोहंती ने आम लोगों से की अपील की है कि वे आगे आकर प्रभावितों की मदद करे और शासन का हाथ बंटाए। हालाँकि उन्होंने भारी बारिश का अच्छा इफेक्ट भी बताया। उनका कहना है कि भारी बारिश से प्रदेश का भू जल स्तर बढ़ा है। उन्होंने सीएम कमलनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में पहली बार कमलनाथ जैसा सीएम देखा है। वे ऑफिस में आने वाले एक एक कागज को पढ़कर उनके समाधान के लिए डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश देते है। वहीं प्रदेश की बिगड़ी सड़कों को ठीक करने के लिए 20 नवम्बर की समय सीमा निर्धारित किये जाने की बात भी मुख्य सचिव ने बतायी।