Jul 19, 2020
रूपेश गुप्ता : छत्तीसगढ़ में आज पारंपरिक त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। सीएम बघेल ने कहा है कि हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। पूजा कर हम धरती माता का हमारे भरण पोषण के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
प्रदेशवासियों के लिये ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस वर्ष हरेली का त्यौहार प्रदेशवासियों के लिए ‘गोधन न्याय योजना’ की सौगात लेकर आ रहा है। बघेल ने कहा कि गांव-गांव में हरेली के पर्व को बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई और पूजा की जाती है। पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढ़कर हरेली की खुशियां मनाते हैं।
छत्तीसगढ़ का सपना साकार करने में सहभागी बनेंगे छत्तीसगढ़वासी
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति और परंपरा हमारा गौरव है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए कई फैसले लिए है। हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना और गोधन न्याय योजना लागू कर पारंपरिक संसाधनों को पुनर्जीवित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। पुराने तरीकों को वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार उपयोगी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परंपराओं को आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढालना सामूहिक उत्तरदायित्व का काम है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सभी छत्तीसगढ़वासी लोक मूल्यों को सहेजते हुए एक नये विकसित छत्तीसगढ़ का सपना साकार करने में सहभागी होंगे।